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पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर जुल्म: “पेड़ छू लिया तो फल नहीं आएंगे”, ऐसी अफवाहें फैलाई जाती थीं!

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पीरियड्स एक पूरी तरह से प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होती है। लेकिन आज भी कई लोग इस बारे में खुलकर बात करने से हिचकते हैं। पीरियड्स को अशुद्ध मानने की वजह से दुनिया भर में कई अजीबोगरीब रीति-रिवाज चलते हैं, जिन्हें जानकर आपको हैरानी होगी।

इस लेख में हम आपको नेपाल में पीरियड्स से जुड़े एक पुराने अंधविश्वास के बारे में बताएंगे। नेपाल सरकार ने अब इस प्रथा को खत्म कर दिया है, लेकिन लंबे समय तक महिलाओं के साथ पीरियड्स के दौरान काफी बुरा बर्ताव किया जाता था।

नेपाल में होती थी चौपाड़ी प्रथा

नेपाल में पीरियड्स के समय लड़कियों को घर से अलग कर दिया जाता था। उन्हें एक छोटी-सी झोपड़ी में जानवरों की तरह रखा जाता था। इस दौरान कोई उनसे मिल नहीं सकता था। पीरियड्स में महिलाएं भगवान या मूर्तियों को छू नहीं सकती थीं। वहां महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अशुद्ध माना जाता था, जिसकी वजह से उनके साथ काफी दुर्व्यवहार होता था।

पेड़ छूने की मनाही

नेपाल में महिलाओं को पीरियड्स के समय पेड़ छूने से मना किया जाता था। लोग मानते थे कि अगर कोई महिला पीरियड्स में पेड़ को छू ले, तो उसमें फल नहीं आएंगे। इसी तरह, अगर वो किसी पुरुष को छू लें, तो वो बीमार पड़ सकता है। इसलिए महिलाएं पीरियड्स के दौरान पेड़ों और पुरुषों से दूर रहती थीं।

प्रथा पर लग चुका है प्रतिबंध

साल 2005 में नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था। साल 2017 में एक कानून पास हुआ। इस कानून के मुताबिक, अगर कोई पीरियड्स के दौरान महिला को अलग रखने या पेड़ न छूने जैसी बातों के लिए मजबूर करता है, तो उसे लगभग 3 महीने की सजा हो सकती है और 3 हजार नेपाली रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया। यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है। हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है। UPUKLive इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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