मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र में 2 अगस्त को बीजेपी नेता रिंकू सिंह की लाश मिलने की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस हत्या के पीछे का सच सुनकर हर कोई हैरान है। पुलिस ने खुलासा किया है कि रिंकू सिंह की हत्या उनके ममेरे भाई अरुण ने की थी। हत्या की वजह थी रिंकू और अरुण की पत्नी के बीच अवैध संबंध। अरुण ने रिंकू को घर से बाहर बुलाकर शराब में जहरीला केमिकल मिलाकर पिलाया, जिससे उनकी मौत हो गई। रिंकू सिंह पाकबड़ा क्षेत्र में बीजेपी के बूथ अध्यक्ष थे।
चौंकाने वाला सच: भाई-भाई में दुश्मनीएसपी सिटी रणविजय सिंह ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक रिंकू सिंह और आरोपी अरुण आपस में ममेरे-फुफेरे भाई थे। अरुण को लंबे समय से शक था कि उसकी पत्नी और रिंकू के बीच नाजायज रिश्ता है। दोनों के बीच फोन पर अक्सर बातचीत होती थी, और अरुण की गैरमौजूदगी में रिंकू उसके घर भी जाता था। इस बात को लेकर अरुण और उसकी पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते थे। अरुण ने रिंकू को कई बार इन संबंधों को खत्म करने की चेतावनी दी थी। उसने रिंकू के पिता से भी शिकायत की, लेकिन जब रिंकू नहीं माना, तो अरुण ने उसे रास्ते से हटाने की ठान ली। लकड़ी कटिंग का काम करने वाले अरुण ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
जहरीली शराब बनी हत्या का हथियारएसपी सिटी के मुताबिक, अरुण ने एक फैक्ट्री से धातु साफ करने वाला जहरीला केमिकल हासिल किया। उसने 1 अगस्त की रात रिंकू को रतनपुर कला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास बुलाया। वहां उसने शराब की बोतल में पानी की जगह यह खतरनाक केमिकल डाल दिया और रिंकू को पिलाने के लिए दे दिया। जैसे ही रिंकू ने शराब पी, उसकी हालत बिगड़ने लगी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। अगली सुबह, 2 अगस्त को रिंकू का शव सड़क किनारे पड़ा मिला।
मोबाइल कॉल रिकॉर्ड ने खोला राजजांच के शुरुआती दौर में रिंकू के परिजनों ने किसी को नामजद नहीं किया था। पुलिस ने रिंकू के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की। इस सीडीआर के आधार पर पुलिस ने अरुण से पूछताछ शुरू की। सख्ती से पूछताछ करने पर अरुण टूट गया और उसने हत्या की बात कबूल कर ली। कैमरे के सामने भी अरुण ने स्वीकार किया कि उसने पारिवारिक विवाद के चलते रिंकू की हत्या की। अरुण लकड़ी कटिंग का काम करता है और उसी के चलते उसे जहरीले केमिकल की जानकारी थी।
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