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विदुर नीति की ये 6 गलतियाँ चुरा लेती हैं आपकी उम्र, तुरंत सुधारें!

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जीवन और मृत्यु, ये दो ऐसी सच्चाइयाँ हैं जिनसे कोई नहीं बच सकता। हर इंसान चाहता है कि उसका जीवन लंबा, सुखी और शांतिपूर्ण हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी कुछ आदतें और स्वभाव ही हमारे जीवन को छोटा कर देते हैं? महाभारत में विदुर जी ने ‘विदुर नीति’ के जरिए ऐसे गहरे जीवन-सत्य बताए हैं, जो आज भी उतने ही उपयोगी हैं। आइए जानते हैं, विदुर नीति के अनुसार कौन सी गलतियाँ हमारी उम्र को कम करती हैं और कैसे हम इन्हें सुधार सकते हैं।

धृतराष्ट्र का सवाल: “क्यों नहीं जी पाता इंसान सौ साल?”

महाभारत में धृतराष्ट्र ने महर्षि विदुर से एक गहरा सवाल पूछा था:
“जब वेदों में इंसान की उम्र सौ साल बताई गई है, तो फिर कोई पूरी उम्र क्यों नहीं जी पाता?”

इस सवाल का जवाब देते हुए विदुर जी ने बताया कि कुछ खास दोष इंसान की आयु को धीरे-धीरे कम करते हैं। ये दोष न केवल जीवन की गुणवत्ता को नष्ट करते हैं, बल्कि इंसान को अकाल मृत्यु की ओर भी ले जाते हैं।

विदुर नीति: आयु घटाने वाले 6 दोष

विदुर जी ने कहा, “अत्यधिक अभिमान, ज्यादा बोलना, त्याग की कमी, क्रोध, स्वार्थ और मित्रों से द्रोह — ये छह दोष इंसान की उम्र को काटते हैं।” आइए इन दोषों को समझते हैं और जानते हैं कि ये हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।

1. अत्यधिक अभिमान

जब इंसान अपने ज्ञान, धन या पद पर घमंड करने लगता है, तो वह दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुँचाता है। यह घमंड उसे धीरे-धीरे लोगों से अलग कर देता है। अकेलापन और मानसिक अशांति उसकी उम्र को कम कर देती है। दूसरों का सम्मान करने से मन शांत रहता है और जीवन लंबा होता है।

2. ज्यादा बोलना

जो लोग जरूरत से ज्यादा बोलते हैं, वे अपने शब्दों पर नियंत्रण खो देते हैं। बेवजह की बातें झगड़े और तनाव को जन्म देती हैं। इससे न केवल रिश्ते खराब होते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी कमजोर होता है। कम और सार्थक बोलने से मन में स्थिरता आती है।

3. त्याग की कमी

जो इंसान सिर्फ अपने सुख के बारे में सोचता है, वह आत्मिक रूप से कमजोर हो जाता है। दूसरों के लिए कुछ त्याग करने की भावना हमें भीतर से मजबूत बनाती है। लेकिन इस भावना की कमी हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर करती है, जो उम्र पर असर डालಸ

4. क्रोध

क्रोध एक ऐसी आग है जो सबसे पहले खुद को जलाती है। गुस्से में इंसान का शरीर तनावग्रस्त रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। यह धीरे-धीरे उम्र को कम करता है। शांत स्वभाव अपनाने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

5. स्वार्थ

केवल अपने फायदे के बारे में सोचने वाला इंसान दूसरों से कट जाता है। उसका मन हमेशा असुरक्षित और अशांत रहता है। यह मानसिक थकान उम्र को कम करती है। दूसरों की मदद करने से मन को सुकून मिलता है।

6. मित्रों से द्रोह

दोस्त जीवन का सहारा होते हैं। लेकिन जब कोई अपने सच्चे दोस्तों के साथ धोखा करता है, तो वह अकेलेपन और अपराधबोध में जीने लगता है। यह मानसिक तनाव उसकी उम्र को कम करता है। सच्चे रिश्तों को बनाए रखने से जीवन सुखमय रहता है।

विदुर नीति का संदेश: लंबी उम्र का राज स्वभाव में

विदुर नीति हमें सिखाती है कि मृत्यु सिर्फ शारीरिक कारणों से नहीं आती। हमारे कर्म, विचार और स्वभाव भी जीवन की दिशा तय करते हैं। अगर हम अहंकार, क्रोध और स्वार्थ से बचें, तो न केवल हमारी उम्र बढ़ेगी, बल्कि जीवन शांत, सुखद और अर्थपूर्ण होगा।

विदुर नीति कोई पुराना ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। यह हमें बताती है कि छोटी-छोटी गलतियाँ, जैसे घमंड और गुस्सा, हमारे जीवन का संतुलन बिगाड़ देती हैं। इन छह दोषों से बचकर हम न सिर्फ लंबा, बल्कि सुखी और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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