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आंखों के रोगों से जीवनभर छुटकारा चाहिए? सुबह करें ये आसान सा काम

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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी आंखें दिनभर कई तरह की चुनौतियों का सामना करती हैं। स्मार्टफोन, लैपटॉप, और टीवी स्क्रीन पर घंटों समय बिताने से लेकर अपर्याप्त नींद और पानी की कमी तक, ये सभी आदतें हमारी आंखों को कमजोर कर सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद और प्राकृतिक उपायों के जरिए आप अपनी आंखों की रोशनी को न केवल बचा सकते हैं, बल्कि इसे बेहतर भी बना सकते हैं? इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे आसान और प्रभावी उपाय बताएंगे, जो आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।

आधुनिक जीवनशैली और आंखों पर इसका प्रभाव

आजकल की डिजिटल दुनिया में स्क्रीन टाइम बढ़ना आम बात हो गई है। चाहे वह ऑफिस में लैपटॉप पर काम करना हो या रात में सोशल मीडिया स्क्रॉल करना, हमारी आंखें लगातार तनाव में रहती हैं। तेज रोशनी, नींद की कमी, और अपर्याप्त पोषण के कारण आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। इससे चश्मे का नंबर बढ़ने, आंखों में जलन, और यहां तक कि गंभीर समस्याएं जैसे मोतियाबिंद तक हो सकते हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि आयुर्वेद में कई ऐसे उपाय हैं जो इन समस्याओं को दूर करने में कारगर हैं।

आयुर्वेद का चमत्कारी उपाय: सुबह की बासी लार

आयुर्वेद में एक अनोखा और सरल उपाय है, जो शायद आपको अजीब लगे, लेकिन इसके फायदे चमत्कारी हैं। सुबह उठते ही अपनी बासी लार (सलाइवा) को काजल की तरह आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और कई समस्याएं दूर होती हैं। इस लार में प्राकृतिक रूप से ‘पैरोटिड ग्लैंड हार्मोन’, एंटीबायोटिक, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं। ये गुण आंखों को बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन से बचाते हैं, जिससे कंजक्टिवाइटिस, आंखों में जलन, खुजली, और पानी आने जैसी समस्याएं कम होती हैं।

अन्य आयुर्वेदिक उपाय और उनके लाभ

आयुर्वेद में बासी लार के अलावा भी कई औषधियां और उपाय हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। उदाहरण के लिए, त्रिफला चूर्ण को पानी में भिगोकर उस पानी से आंखों को धोने से रोशनी बढ़ती है। इसके अलावा, बादाम, अखरोट, और गाजर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन भी आंखों के लिए लाभकारी है। रोजाना सुबह ठंडे पानी से आंखों को धोना और पलकें झपकाने की आदत डालना भी आंखों को आराम देता है।

मेडिकल साइंस का योगदान

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी आंखों की समस्याओं के लिए कई प्रभावी उपचार प्रदान करता है। चाहे वह लेजर सर्जरी हो या विशेष प्रकार की दवाएं, मेडिकल साइंस ने आंखों की रोशनी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालांकि, आयुर्वेद और मेडिकल साइंस को मिलाकर एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।

स्वस्थ आंखों के लिए रोजमर्रा के टिप्स

आंखों की देखभाल के लिए कुछ आसान आदतें अपनाना जरूरी है। हर 20 मिनट स्क्रीन टाइम के बाद 20 सेकंड के लिए दूर देखें, पर्याप्त नींद लें, और दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। इसके साथ ही, धूप में निकलते समय सनग्लासेज का उपयोग करें और हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। ये छोटे-छोटे कदम आपकी आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।

आंखें हमारे शरीर का सबसे कीमती हिस्सा हैं, और इनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के संयोजन से आप न केवल अपनी दृष्टि को बचा सकते हैं, बल्कि इसे और बेहतर बना सकते हैं। तो आज से ही इन उपायों को अपनाएं और अपनी आंखों को स्वस्थ रखें!

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