Gut Health : आपकी आंतें सिर्फ खाना पचाने का काम नहीं करतीं, बल्कि ये आपके शरीर का एक बड़ा कमांड सेंटर हैं। मेटाबॉलिज्म से लेकर मूड तक, हर चीज को ये नियंत्रित करती हैं। इसे “दूसरा दिमाग” भी कहा जाता है, क्योंकि ये जीन को ऑन-ऑफ करने, हार्मोन बैलेंस करने और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत खानपान, तनाव या बुरी आदतें आपकी आंतों को कमजोर कर सकती हैं? आइए, eGenome.ai के सह-संस्थापक सिद दास और सुबोध यादव के सुझाए छोटे-छोटे बदलावों से जानें, कैसे रखें अपनी आंतों को स्वस्थ और तंदुरुस्त!
फाइबर से भरपूर खाना: आंतों का पावरहाउसअगर आपकी डाइट में फाइबर की कमी है, तो आप अपनी आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को भूखा मार रहे हैं। फाइबर इन बैक्टीरिया का मुख्य ईंधन है, जो शॉर्ट-चेन फैटी एसिड्स (SCFAs) बनाते हैं। ये SCFAs आंतों की परत को मजबूत करते हैं, सूजन कम करते हैं और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखते हैं। फाइबर की कमी से कब्ज, IBS, क्रोहन रोग और कमजोर इम्यूनिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साबुत अनाज, दालें, फल और सब्जियां खाएं, जो प्रीबायोटिक की तरह काम करते हैं और अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।
चीनी को कहें अलविदाज्यादा रिफाइंड चीनी और प्रोसेस्ड कार्ब्स खाना आपकी आंतों की केमिस्ट्री को बिगाड़ सकता है। ये हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, आंतों की परत को कमजोर करते हैं और इसे “लीकी” बनाते हैं। इससे अनचाहे पदार्थ खून में मिल जाते हैं, जिससे सूजन बढ़ती है, इंसुलिन की संवेदनशीलता कम होती है और टाइप-2 डायबिटीज व हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। हर बार ब्लड शुगर का स्पाइक शरीर को समय से पहले बूढ़ा करता है। इसलिए, चीनी और रिफाइंड कार्ब्स को कंट्रोल करना आंतों की सेहत के लिए पहली रक्षा पंक्ति है।
खाएं ध्यान से: दो संतुलित भोजन रोजजल्दबाजी में खाना, बार-बार खाना या तनाव में खाना आपके शरीर को “फाइट या फ्लाइट” मोड में डाल देता है। इससे पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम (PSNS) की गतिविधि कम हो जाती है, जो पाचन को धीमा करती है। इससे एंजाइम कम बनते हैं, आंतें कमजोर पड़ती हैं और पोषक तत्वों का अवशोषण बिगड़ता है। ध्यान से खाना, धीरे-धीरे चबाना और भोजन का आनंद लेना PSNS को सक्रिय करता है, जिससे पाचन बेहतर होता है।
खाने का समय तय करेंअपने पाचन तंत्र को भोजन के बीच में थोड़ा आराम देना जरूरी है। ये ब्रेक ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं, सूजन को कम करते हैं और बैक्टीरिया को लगातार “फीड” होने से रोकते हैं। ये न सिर्फ खाने का समय, बल्कि पाचन की शुरुआत को भी बेहतर बनाता है।
लिवर और मेटाबॉलिज्म को दें सपोर्टलिवर आपके शरीर का डिटॉक्स फैक्ट्री है। ये पित्त बनाकर खाना पचाने में मदद करता है, टॉक्सिन्स को फिल्टर करता है और मेटाबॉलिज्म को सुचारू रखता है। लेकिन ज्यादा चीनी, प्रोसेस्ड फूड या पर्यावरणीय प्रदूषण इसे कमजोर कर सकते हैं। जब लिवर कमजोर पड़ता है, तो पाचन बिगड़ता है, माइक्रोबायोम असंतुलित होता है और SCFAs का उत्पादन कम हो जाता है। सही न्यूट्रिशन और सप्लीमेंट्स लिवर और मेटाबॉलिक हेल्थ को बहाल कर सकते हैं।
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