टेलीविजन की चमकती दुनिया में अपनी अदाकारी से लाखों दिलों पर राज करने वाली रीम शेख ने हाल ही में अपनी निजी जिंदगी के कुछ ऐसे राज़ खोले, जो सुनकर हर कोई हैरान रह गया। 23 साल की इस युवा अभिनेत्री ने एक पॉडकास्ट में अपनी मां शीतल शेख के साथ मिलकर अपने परिवार के उतार-चढ़ाव, प्यार, तलाक और सामाजिक दबावों की कहानी बयां की। यह कहानी न केवल रीम की जिंदगी को करीब से दिखाती है, बल्कि उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा भी है जो घरेलू हिंसा (domestic violence) और सामाजिक बंधनों से जूझ रहे हैं।
प्यार में बंधन तोड़े, पर कीमत भी चुकाई
रीम की मां शीतल ने पॉडकास्ट में बताया कि 21 साल की उम्र में उन्होंने अपने दिल की सुनी और एक मुस्लिम युवक से शादी कर ली। हिंदू परिवार से ताल्लुक रखने वाली शीतल का यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था। परिवार और समाज की नाराज़गी ने उनके रिश्तों को तोड़ दिया। वह अपने भाइयों की शादी में भी शामिल न हो सकीं, जिसका दुख आज भी उनके दिल में है। शादी के बाद शीतल जल्द ही मां बन गईं, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चल सका। चार साल बाद तलाक ने उनकी जिंदगी को एक नया मोड़ दे दिया। इस दौरान रीम ने अपनी मां के दर्द को करीब से देखा और समझा।
तलाक का फैसला और रीम की हिम्मत
रीम ने खुलासा किया कि वह सिर्फ एक बच्ची थीं जब उनके माता-पिता के रिश्ते में दरार आई। रोज़ाना के झगड़े और घरेलू हिंसा ने उनके बचपन को प्रभावित किया। छोटी उम्र में ही रीम ने हालात की गहराई को समझ लिया था। उन्होंने अपनी मां को तलाक का कठिन फैसला लेने की सलाह दी। रीम का मानना है कि लंबे समय तक दर्द सहने से बेहतर है कि एक बार हिम्मत जुटाकर नई शुरुआत की जाए। यह फैसला शीतल के लिए आसान नहीं था, लेकिन रीम की हिम्मत और समझदारी ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी। रीम की मां की यह दूसरी शादी थी, जिसमें उन्हें रीम जैसी बेटी मिली।
सौतेली बहन के साथ अनोखा रिश्ता
रीम की एक सौतेली बहन भी है, जो एक एयर होस्टेस के तौर पर काम करती है और ज्यादातर समय विदेश में रहती है। रीम ने बताया कि उनकी सौतेली बहन के साथ उनके रिश्ते बेहद खास और彼此
सामाजिक दबावों का जवाब
रीम ने पॉडकास्ट में सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि लोग बिना सच्चाई जाने उनके परिवार पर टिप्पणी करते हैं। रीम और उनकी मां की यह बेबाक बातचीत उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो सामाजिक दबावों के कारण अपनी आवाज़ दबा लेते हैं। रीम की कहानी साहस और सच्चाई की मिसाल है।
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