कोलकाता, 25 जून (Udaipur Kiran) ।पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए 27.19 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ की नियुक्तियों में हुए कथित घोटाले से जुड़ी है।
देर रात जारी ईडी के बयान के अनुसार, जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, वे तीन चाय बागानों के नाम पर हैं और इनमें बंगला, फैक्ट्री, प्लांट, मशीनरी और वाहन शामिल हैं। ये बागान —संसिंग ऑर्गेनिक टी प्राइवेट लिमिटेड, यांगटोंग ऑर्गेनिक टी प्राइवेट लिमिटेड और बामनडांगा टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड — प्रसन्न कुमार रॉय के स्वामित्व में हैं।
ईडी ने बताया कि इन संपत्तियों की खरीद उन उम्मीदवारों से एकत्र किए गए अवैध धन से की गई, जिन्हें ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ की नौकरियों में गलत तरीके से नियुक्त किया गया था।
इस कार्रवाई से पहले ईडी ने ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ भर्ती घोटाले में 219.91 करोड़ रुपए की संपत्ति पहले ही जब्त कर ली थी। अब तक इस मामले में ईडी कुल 636.88 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर चुका है।
इस घोटाले के केंद्र में बताए जा रहे प्रसन्न कुमार रॉय को मुख्य बिचौलिया बताया गया है, जिसने नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों से धन और जानकारी एकत्र की थी। उसके करीबी सहयोगी चंदन मंडल के साथ वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
ईडी की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के तीन अप्रैल 2025 के फैसले के बाद सामने आई है। स्टेट ऑफ वेस्ट बंगाल बनाम बैशाखी भट्टाचार्य (चटर्जी) एवं अन्य (एसएलपी सिविल 9586/2024) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण नियुक्तियों को रद्द करते हुए कहा था कि पूरी चयन प्रक्रिया “दूषित और भ्रष्ट” थी।
यह जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज दो प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोप है कि नियुक्तियां नियमों को ताक पर रखकर, आपराधिक साजिश के तहत, अयोग्य और अनुचित अभ्यर्थियों को दी गई थीं।
इससे पहले ईडी ने एसएससी की नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले में 238.78 करोड़ रुपए और प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में 151 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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