नई दिल्ली, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत की स्थापित सौर क्षमता में 4,000 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिससे देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता अब 227 गीगावाट के स्तर पर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि भारत संभवतः पेरिस समझौते के तहत अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को पूरा करने वाला पहला जी-20 देश है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने नई दिल्ली में 11वें भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह (आईईएसडव्ल्यू) 2025 को संबोधित करते हुए यह बात कही। पीयूष गोयल ने जम्मू-कश्मीर के पल्ली गांव का उदाहरण दिया, जो सौर ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता का उपयोग करने वाला भारत का पहला कार्बन-तटस्थ पंचायत बन गया है। उन्होंने बताया कि आईईएसडव्ल्यू का आयोजन स्थल यशोभूमि अपने आप में स्थायित्व का एक आदर्श उदाहरण है, जहां छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र, अपशिष्ट जल उपचार और ऊर्जा-कुशल बुनियादी ढांचा उपलब्ध है।
गोयल ने कहा कि देश की सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल क्षमता करीब 38 गुना बढ़ गई है, जबकि फोटोवोल्टिक सेल क्षमता 21 गुना बढ़ गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य 1 करोड़ घरों को रूफटॉप सोलर पैनल से लैस करना है, ताकि वे ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बन सकें और बिजली के बिल कम कर सकें।
उन्होंने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के लक्ष्य की पुष्टि करते हुए दोहराया कि ऊर्जा भंडारण इस यात्रा का केंद्र बिंदु होगा। गोयल ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, हमारे नागरिकों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल एक प्राथमिकता है, बल्कि एक ज़िम्मेदारी भी है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर