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विधानसभा के तीसरे सत्र में 19 घंटे 40 मिनट हुई विधायी चर्चाएं, तीन विधेयक पारित

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नई दिल्ली, 9 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने रविवार को बताया कि आठवीं विधानसभा का तीसरा सत्र 4 से प्रारंभ होकर 8 अगस्त को पांच बैठकों के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। इस दौरान कुल 19 घंटे 40 मिनट की अवधि में विधायी, वित्तीय और जनकल्याण से जुड़े विषयों पर व्यापक एवं सार्थक चर्चाएं हुईं। इस सत्र के लिए 28 जुलाई को सदस्यों को समन जारी किया गया था और बैठकें 4, 5, 6, 7 और 8 अगस्त को आयोजित हुईं।

विजेंद्र गुप्ता ने रविवार को एक बयान में बताया कि नियम 280 के अंतर्गत कुल 171 विशेष उल्लेख सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 62 विषय सदन में उठाए गए। ये विषय दिल्ली के नागरिक, प्रशासनिक और नीतिगत मसलों से संबंधित थे जिन्हें संबंधित विभागों को भेजकर 30 दिनों के भीतर उत्तर देने के निर्देश दिए गए हैं। इस सत्र में तीन महत्त्वपूर्ण विधेयक पारित किए। इसमें दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025, दिल्ली माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 और दिल्ली माल एवं सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल हैं।

विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि 2022 में उद्घाटित तथाकथित ‘फांसी घर’ के विषय में सदन को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण पर 1,04,49,279 रुपये खर्च हुए, जिससे विधानसभा की धरोहर इमारत को क्षति पहुंची और जनता को गुमराह किया गया।

उन्होंने बताया कि महत्त्वपूर्ण अभिलेख एवं प्रतिवेदन सदन पटल पर रखे गए। इसमें वित्तीय एवं विनियोग लेखा, वर्ष 2023-24,भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षककी वित्त, विनियोग लेखा, राज्य वित्त और भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण पर रिपोर्टें शामिल हैं। इसके साथ-साथ दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग, जियोस्पैशियल दिल्ली लिमिटेड, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली की रिपोर्टें सदन में प्रस्तुत की गई। निर्माण श्रमिक कल्याण पर सीएजी की रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए लोक लेखा समिति को भेजा गया।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि तीसरे सत्र ने न केवल महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को आगे बढ़ाया बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और ऐतिहासिक सत्यनिष्ठा के मूल्यों को भी कायम रखा। गंभीर बहस, जन मुद्दों की गहन समीक्षा और महत्वपूर्ण कानून पारित कर सदन ने एक बार फिर दिल्ली की जनता और संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण दिया है।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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