–छात्रों को वित्तीय साक्षरता, निवेश तथा भविष्य की आर्थिक योजना के प्रति किया जागरूक
Prayagraj, 04 नवम्बर (Udaipur Kiran) . इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं एमबीए विभाग द्वारा आदित्य बिड़ला कैपिटल के सहयोग से “वित्तीय जागरूकता एवं स्टॉक मार्केट” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से आए 160 से अधिक छात्र एवं छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को वित्तीय साक्षरता, निवेश की समझ तथा भविष्य की आर्थिक योजना के प्रति जागरूक करना था.
यह जानकारी इविवि की पीआरओ प्रो जया कपूर ने मंगलवार को देते हुए बताया कि कार्यशाला के मुख्य वक्ता माइंड क्लब फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. अंकुर भटनागर ने वित्तीय शिक्षा को जीवन के हर क्षेत्र में आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि आज के समय में वित्तीय साक्षरता केवल अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए नहीं, बल्कि हर नागरिक के लिए जरूरी है. उन्होंने छात्रों से कहा कि वित्तीय योजना की शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए, जहां बजट बनाकर यह तय किया जा सके कि आय का एक भाग बचत और निवेश के लिए कैसे सुरक्षित रखा जाए.
डॉ. भटनागर ने यह भी कहा कि घर और जेब खर्च को वित्त का प्रयोगशाला मानना चाहिए, जहां छोटे-छोटे आर्थिक निर्णयों के माध्यम से व्यक्ति धन प्रबंधन, बचत और निवेश के मूल सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से समझ सकता है. उन्होंने समझाया कि वित्तीय योजना का उद्देश्य केवल पैसा कमाना नहीं, बल्कि उसे सही दिशा में उपयोग करना है ताकि जीवन के लक्ष्यों को पूरा किया जा सके. उन्होंने यह भी जोर दिया कि निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी की जाए, उतना ही अधिक लाभ चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति से प्राप्त किया जा सकता है.
डॉ. भटनागर ने अनेक उदाहरणों, सर्वेक्षण रिपोर्टों और वास्तविक जीवन की कहानियों के माध्यम से बताया कि दीर्घकालिक अवधि के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना सबसे उपयुक्त होता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यद्यपि निवेश में जोखिम अवश्य होता है, परंतु इसे लम्बी अवधि तक निवेश बनाए रखने, विविध क्षेत्रों में निवेश करने और नियमित अंतराल पर समीक्षा करने से काफी हद तक कम किया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत मात्र 100 रू से की जा सकती है, जिससे हर वर्ग का व्यक्ति अपनी बचत की दिशा में कदम बढ़ा सकता है.
कार्यशाला के दूसरे दिन डॉ. अंकुर भटनागर ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को बचत, निवेश, जोखिम और वित्तीय योजना की मूल बातें सरल भाषा में समझाईं. उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे ऑनलाइन माध्यम से लाइव प्रोजेक्ट में भाग लें ताकि उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सके. इस अवसर पर माइंडक्लब फाउंडेशन की जिया दुबे ने छात्रों को ऑनलाइन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी दी, जिसे लेकर विद्यार्थियों में विशेष उत्साह देखा गया.
पीआरओ ने बताया कि इसके पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. जी.बी.एस. जौहरी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक समझ भी प्रदान करती हैं. उन्होंने छात्रों से निवेश की बारीकियों को समझने के लिए स्वयं प्रयोग करने को कहा. कहा कि निवेश व्यक्ति के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
वाणिज्य संकाय के डीन प्रो. आर. एस. सिंह ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र निरंतर परिवर्तनशील है. इसलिए छात्रों को बाजार की चाल, सरकारी नीतियों और आर्थिक रुझानों पर नजर रखनी चाहिए. उन्होंने बताया कि वित्तीय अनुशासन व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास लाता है.
कार्यशाला के समन्वयक डॉ. ए.सी. पांडे ने छात्रों में वित्तीय शिक्षा के प्रति दिखाई गई रुचि की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों को वास्तविक जीवन में निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने में मदद करते हैं.
कार्यक्रम के समापन सत्र में छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस कार्यशाला ने उनके दृष्टिकोण को बदला है तथा उन्हें अपने भविष्य के लिए वित्तीय रूप से जागरूक बनाया है.
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
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