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अनुसंधान-आधारित शिक्षा समकालीन चुनौतियों का समाधान और ज्ञान-आधारित समाज के निर्माण की कुंजी है-सकीना इत्तू

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जम्मू 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, समाज कल्याण एवं शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने कहा कि समकालीन चुनौतियों का समाधान और ज्ञान-आधारित समाज के निर्माण के लिए अनुसंधान-आधारित शिक्षा महत्वपूर्ण है।

मंत्री ने यह बात यहाँ राजकीय गांधी स्मारक विज्ञान महाविद्यालय द्वारा आयोजित बहु-विषयक अनुसंधान में उभरते रुझानों-2025 पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद संबोधित करते हुए की।

अपने अध्यक्षीय भाषण में मंत्री ने शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और युवा शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान करने के लिए जीजीएम साइंस कॉलेज की सराहना की। उन्होंने शोधकर्ताओं और छात्रों को भविष्य की वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करने हेतु उनमें नवाचार, अंतःविषय सहयोग और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला।

शिक्षा मंत्री ने अन्वेषण की संस्कृति को पोषित करने में संकाय और प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की और उन्हें सार्थक अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस दो दिवसीय सम्मेलन के महत्व पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन जम्मू-कश्मीर के शैक्षिक मानकों को ऊपर उठाने के उद्देश्य से विचारों के जीवंत आदान-प्रदान और विद्वत्तापूर्ण चर्चाओं का एक अनूठा मंच है। उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मेलन देश और दुनिया भर के प्रमुख शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को अनुसंधान, नवाचार और ज्ञान के नए आयामों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाएगा।

आदान-प्रदान जो यहाँ शैक्षणिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को लंबे समय तक आकार देने में मदद करेगा।

समारोह को संबोधित करते हुए विधायक युद्धवीर सेठी ने प्रगतिशील समाज के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर ज़ोर देते हुए इतने बड़े पैमाने पर सम्मेलन आयोजित करने के लिए कॉलेज की सराहना की।

इस अवसर पर बोलते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर में नवाचार-संचालित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला।

अपने स्वागत भाषण में प्राचार्य प्रो. रोमेश कुमार गुप्ता ने शैक्षणिक उत्कृष्टता को पोषित करने और बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देने के संस्थान के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से सामाजिक प्रगति और राष्ट्रीय विकास में सार्थक योगदान देने के लिए छात्रों और शिक्षकों को सशक्त बनाने के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

जम्मू क्लस्टर विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. के.एस. चद्रशेखर ने उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान संस्कृति को मजबूत करने की आवश्यकता पर विस्तार से बात की।

प्रो. रजनीकांत ने अपने मुख्य भाषण में अनुसंधान को आगे बढ़ाने में अंतःविषय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया और प्रतिभागियों को ऐसे अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जो वैज्ञानिक नवाचार को सामाजिक प्रासंगिकता के साथ जोड़ता हो।

संयोजक एवं आयोजन सचिव, डॉ. पुरुषोत्तम सिंह मन्हास ने सम्मेलन का अवलोकन प्रस्तुत करते हुए बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान 178 शोधकर्ता अपना कार्य प्रस्तुत करेंगे जबकि सम्मेलन समन्वयक, डॉ. वंदना खजूरिया ने युवा मस्तिष्कों को प्रेरित करने और सहयोगात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित करने में ऐसे मंचों के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर मंत्री ने प्रतिभागियों के विद्वत्तापूर्ण योगदान को दर्शाते हुए सार पुस्तिका और कॉलेज न्यूज़लेटर का भी विमोचन किया।

इससे पहले शिक्षा मंत्री ने स्किल टॉवर का ई-उद्घाटन किया जिसमें विभिन्न कौशल प्रयोगशालाएँ, भूगोल ब्लॉक, हेरिटेज भवन के पुनर्निर्मित भौतिकी और रसायन विज्ञान ब्लॉक, कॉन्फ्रेंस हॉल और जीजीएम विज्ञान महाविद्यालय के लिए ब्राउज़िंग सेंटर शामिल हैं।

(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

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