Next Story
Newszop

रत्नाकर ग्रुप पर डीजीजीआई का छापा, करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा

Send Push

image

image

भीलवाड़ा, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा में गुरुवार को सरिया बनाने वाले प्रतिष्ठित रत्नाकर ग्रुप पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की बड़ी कार्रवाई हुई। जयपुर से आई अलग-अलग टीमों ने ग्रुप के गांधीनगर स्थित ऑफिस, प्लांट, फैक्ट्री और डायरेक्टरों के घर पर एक साथ छापेमारी कर सर्वे की कार्रवाई शुरू की। यह ऑपरेशन दोपहर लगभग 1 बजे शुरू हुआ और देर तक जारी रहा।

डीजीजीआई टीम को रत्नाकर ग्रुप के खिलाफ 30 से 40 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की पुख्ता सूचना मिली थी। इनपुट के आधार पर की गई इस कार्रवाई में कंपनी के डायरेक्टर, उनके परिवारजनों और स्टाफ से पूछताछ की गई। शुरुआती जांच में सामने आया कि रत्नाकर ग्रुप ने बिना बिल के बड़े पैमाने पर कारोबार किया है और जयपुर की एक फर्म के जरिए फर्जी बिलिंग तथा क्लीयरेंस सर्विस का उपयोग कर टैक्स चोरी की।

भीलवाड़ा में रत्नाकर ग्रुप के गांधीनगर ऑफिस और प्लांट के बाहर भारी पुलिसबल तैनात किया गया। ऑफिस के गेट बंद कर दिए गए और आने-जाने वालों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। वहीं अन्य ठिकानों पर डीजीजीआई की गाड़ियां तैनात रहीं। इस कार्रवाई की खबर मिलते ही शहर के अन्य कारोबारी वर्ग में हड़कंप मच गया।

डीजीजीआई टीम को आशंका है कि कंपनी ने करोड़ों रुपये का कारोबार बिना जीएसटी बिल के किया है। साथ ही राज्य सरकार की रिप्स योजना के तहत बड़े पैमाने पर रिफंड राशि भी ली गई हो सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा बिक्री कर की स्टेट चैकिंग बंद करने के बाद टैक्स चोरी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में सरियों के कारोबार से जुड़ी कई अन्य कंपनियां भी जांच के घेरे में आ सकती हैं।

रत्नाकर ग्रुप भीलवाड़ा का एक बड़ा उद्योग समूह है, जिसका सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से अधिक बताया जाता है। कंपनी का संचालन डायरेक्टर शंकर लाल जाट करते हैं, जिनके भाई डालचंद जाट और बेटा राजेंद्र चैधरी भी कारोबार में सक्रिय हैं। शुरुआती जांच में ग्रुप द्वारा 30 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी सामने आई है, हालांकि यह राशि और बढ़ सकती है।

जांच में यह भी सामने आया कि रत्नाकर ग्रुप ने जयपुर की महावीर ट्रेडिंग कंपनी के जरिए फर्जी बिलिंग और क्लीयरेंस सर्विस ली थी। गौरतलब है कि डीजीजीआई जयपुर पहले ही महावीर ट्रेडिंग कंपनी पर 706 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला दर्ज कर सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस केस में नकली बिलिंग, हवाला ट्रांजैक्शन और बिना ई-वे बिल जैसी गड़बड़ियां पकड़ी गई थीं।

रत्नाकर ग्रुप पर हुई कार्रवाई के बाद भीलवाड़ा के कारोबारियों में खलबली मच गई है। उद्योग जगत में चर्चा है कि टैक्स चोरी के इस मामले से जुड़े कई और नाम सामने आ सकते हैं। डीजीजीआई की टीमें शहर की अन्य बड़ी कंपनियों और कारोबारियों की भी निगरानी कर रही हैं। फिलहाल डीजीजीआई टीम रत्नाकर ग्रुप के डायरेक्टर शंकर जाट और अन्य सहयोगियों से पूछताछ कर रही है। साथ ही जब्त किए गए दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डाटा की जांच की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई संभव है।

—————

(Udaipur Kiran) / मूलचंद

Loving Newspoint? Download the app now