अनूपपुर, 16 अक्टूबर . शरद पूर्णिमा का पर्व बुधवार को पूरे जिले में परंपरागत रूप से मनाया गया. इस अवसर पर मंदिरों में भगवान की पूजा अर्चना करने के साथ ही भोग के रूप में खीर अर्पित की गयीं और इसके उपरांत श्रद्धालुओं में वितरित की गयीं.
शरद पूर्णिमा के अवसर पर पर सुबह मंदिरों में भगवान का श्वेत वस्त्रों से श्रृंगार किया गया. इसी तरह शाम को भगवान को मेवा व केशरयुक्त खीर का भोग लगाया गया. शरद पूर्णिमा के साथ ही शरद ऋतु की शुरुआत हो जाती है. वर्ष की 12 पूर्णिमा तिथियों में से शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. आजकल हर तिथि को लेकर मतांतर चल रहा है, वैसा ही इस बार शरद पूर्णिमा की तिथि को लेकर भी है. लेकिन शुभ मुहूर्त के अनुसार शरद पूर्णिमा आज मनाई जा रही है.
इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने का विधान है. ऐसी मान्यता है कि इन शुभ कार्यों को करने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति का वास होता है. सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन विशेष रूप से खीर बनाई जाती है, जिसे रात में चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है. मान्यता है कि इस दौरान अमृत वर्षा होती है और खीर औषधि का काम करती है.
/ राजेश शुक्ला
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