सवाई माधोपुर, 8 मई . रणथंभौर टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में जंगली जानवरों का मूवमेंट लगातार बढ़ता जा रहा है. खासकर बाघ, तेंदुए और भालू जैसे वन्यजीव अब पेरीफेरी यानी जंगल से लगे रिहायशी इलाकों में भी दिखने लगे हैं. इससे आसपास के ग्रामीण और स्थानीय लोग डरे हुए हैं. ताजा मामला बुधवार रात का है, जब एक बाघिन रणथंभौर रोड तक आ पहुंची और करीब एक घंटे तक उसका मूवमेंट इसी क्षेत्र में बना रहा.
रणथंभौर टाइगर रिजर्व फर्स्ट के सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) महेश शर्मा ने बताया कि बुधवार देर रात विभाग को रणथंभौर रोड पर एक बाघ के मूवमेंट की सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही वह स्वयं टीम के साथ मौके पर पहुंचे. यहां फतेह कैफे की दीवार पर बाघिन चहलकदमी करती नजर आई.
दीवार से उतरने के बाद बाघिन सीधे कैफे के अंदर स्थित गार्डन में चली गई और वहां लगभग एक घंटे तक इधर-उधर घूमती रही. इस दौरान कैफे में मौजूद स्टाफ और आसपास के लोग दहशत में आ गए.
करीब एक घंटे बाद बाघिन ने कैफे से निकलकर रणथंभौर रोड की ओर रुख किया और फिर वहां से हेलीपैड की दिशा में मुड़ गई. यहां से वह वन विभाग की सुरक्षा दीवार पार कर जंगल की ओर लौट गई.
शर्मा ने बताया कि सुबह पांच बजे तक टीम बाघिन की लगातार मॉनिटरिंग करती रही. हालांकि अंधेरा ज्यादा होने के कारण यह साफ नहीं हो पाया कि यह बाघिन कौन सी है, लेकिन उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है.
राहत की बात यह रही कि बाघिन ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और बिना किसी टकराव के वापस जंगल की ओर लौट गई.
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि यदि कभी किसी जंगली जानवर का मूवमेंट दिखाई दे तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें. खुद किसी भी स्थिति में जानवर के पास जाने या उसे भगाने की कोशिश न करें.
वन विभाग की टीम इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और लगातार गश्त कर रही है.
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/ रोहित
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