जयपुर, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खनिज सम्पदा का समुचित दोहन करते हुए राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि खनन अधिनियमों और नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए अवैध खनन गतिविधियों की प्रभावी रोकथाम की जाए।
शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर खनन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है तथा यहां खनन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने खनन विभाग को नये खनन क्षेत्रों की खोज में तेजी लाने तथा नीलामी प्रक्रिया को और गति देने के लिए निर्देशित किया। साथ ही शर्मा ने कहा कि नीलाम किए गए ब्लॉक्स में खनन कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए ताकि उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप समय पर पूर्ति सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के राजस्व में खनन की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में खनन विभाग समयबद्ध रूप से तय राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करे। इस कार्य में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने शास्ति प्रक्रिया में सुधार लाने और इसे आवश्यकतानुसार सुसंगत बनाने के लिए निर्देशित किया।
शर्मा ने कहा कि नवीन सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकों का समावेश करते हुए विभाग अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम करे। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन सर्वे और मालवाहक गाड़ी की सख्त चेकिंग सुनिश्चित करते हुए अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन पर रोकथाम के लिए सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। इसके लिए पुलिस, जिला प्रशासन, वन विभाग, परिवहन विभाग तथा खनन विभाग आपसी समन्वय के साथ काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम-सैंड पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण भवन निर्माण सामग्री का एक बेहतरीन विकल्प है। इसे व्यापक रूप से प्रोत्साहित किया जाए ताकि बजरी के दोहन में कमी आए। साथ ही, श्री शर्मा ने क्रशर डस्ट के उपयोग को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
शर्मा ने कहा कि विभागीय कार्मिक अपनी जिम्मेदारी का समर्पण भाव से निर्वहन करें तथा राज्यहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने विभागीय कार्यों की गुणवत्ता अभिवृद्धि के क्रम में खनन विभाग की रिस्ट्रक्चरिंग करने और लंबे समय से विभाग में पदस्थापित कार्मिकों को स्थानांतरित के लिए भी निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने नए ब्लॉक्स की नीलामी की संभावनाएं तलाशने, डीएमएफटी और एनएमईटी से संबंधित प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। साथ ही, उन्होंने ओडिशा सहित अन्य राज्यों में खनन क्षेत्र में क्रियान्वित श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों का अवलोकन कर इन्हें राजस्थान में लागू करने की संभावना पर कार्य करने के लिए भी निर्देशित किया।
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(Udaipur Kiran)
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