भोपाल/सिवनी, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) Madhya Pradesh के सिवनी जिले में 8 अक्टूबर की रात एनएच-44 पर सीलादेही बायपास के पास हुई हवाला रकम लूटकांड में मंगलवार को पुलिस विभाग में हड़कंप मचा देने वाली बड़ी कार्रवाई की गई. इस मामले में एसडीओपी (डीएसपी) पूजा पांडे सहित 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से 8 आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 3 आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.
यह मामला उस समय सामने आया था जब पुलिस की वर्दी में कुछ लोगों ने हवाला कारोबारियों से भारी रकम लूट ली थी. शुरुआती जांच में सामने आया कि यह वारदात स्वयं पुलिसकर्मियों द्वारा रची गई थी, जिससे पूरा पुलिस प्रशासन सकते में आ गया.
डीआईजी राकेश सिंह ने दी जानकारी; गठित हुई एसआईटी
सिवनी पुलिस कंट्रोल रूम में मंगलवार शाम आयोजित प्रेस वार्ता में छिंदवाड़ा रेंज के डीआईजी राकेश सिंह ने बताया कि इस गंभीर प्रकरण की गहराई से जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है. इस एसआईटी में लखनवाड़ा थाना प्रभारी चंदकिशोर सिरसाम, जबलपुर क्राइम ब्रांच के अधिकारी जितेंद्र सिंह सहित दो अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.
डीआईजी सिंह ने बताया कि दर्ज एफआईआर में Indian न्याय संहिता (BNS) की धारा 310(2) (डकैती), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 140(3) (अपहरण) और 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गिरफ्तार पुलिसकर्मी और फरार आरोपित
पुलिस ने जिन 8 आरोपितों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं —
पूजा पांडे (डीएसपी, एसडीओपी सिवनी), अर्पित भैरम (थाना प्रभारी, बंडोल), माखन इनवाती, जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, केदार बघेल, सुभाष सदाफल, नीरज राजपूत. इन सभी को बुधवार को जिला न्यायालय में पेश किया जाएगा. वहीं राजेश जंघेला, प्रधान आरक्षक रविंद्र उईके और आरक्षक रितेश वर्मा अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश के लिए पुलिस की विशेष टीमों ने सिवनी सहित आसपास के जिलों में छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है.
Chief Minister डॉ. मोहन यादव का सख्त रुख: “कर्तव्य से भटकने वालों को नहीं मिलेगी राहत”
मामले के उजागर होने के बाद Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था को लेकर शून्य सहिष्णुता की नीति पर चल रही है. उन्होंने स्पष्ट कहा, “कानून का उल्लंघन करने वाला चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा. कानून सबके लिए समान है. जो अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्यों से भटकेंगे, उन पर कठोर अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.” Chief Minister ने कहा कि जिन पर जनता की सुरक्षा और न्याय की जिम्मेदारी है, यदि वे स्वयं अपराध में लिप्त पाए जाते हैं तो यह समाज और शासन के लिए अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता स्थापित करने की दिशा में एक मिसाल बनेगी.
जांच के दायरे में आए कई नए तथ्य
उल्लेखनीय है कि इस लूटकांड में हवाला कारोबारियों से लाखों रुपए नकद लूटे गए थे. प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि लूटी गई रकम को आपस में बांटने की कोशिश की गई थी. एसआईटी को अब यह भी जांचना है कि क्या इस गिरोह के अन्य सदस्य या बाहरी सहयोगी भी शामिल थे. डीआईजी राकेश सिंह ने बताया कि एसआईटी ने अब तक कई सबूत जुटा लिए हैं और बरामद राशि की पुष्टि की जा रही है. फिलहाल इस मामले में पूरे घटनाक्रम की टाइमलाइन, संलिप्त अधिकारियों की भूमिका और रकम की रिकवरी पर जोर दिया जा रहा है.
राज्य सरकार की सख्ती से पुलिस महकमे में हलचल
इस प्रकरण ने पूरे प्रदेश के पुलिस विभाग में चिंतन और मंथन का माहौल बना दिया है. वरिष्ठ अधिकारी इसे एक “चेतावनी” के रूप में देख रहे हैं कि सरकार अब कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी. Chief Minister डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार जनहित, सुरक्षा और सुशासन के सिद्धांतों पर कार्य कर रही है. “हम अच्छे कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों को प्रोत्साहित करेंगे, लेकिन जो गलत करेगा, उसे सजा निश्चित रूप से मिलेगी.”
(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया
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