लखनऊ, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मोहर्रम के जुलूस को शांतिपूर्ण ढ़ंग से सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने 10 से 15 फीट की ताजिया को रखने की सलाह दी है। मोहर्रम को लेकर जगह- जगह पर हुई बैठकों में ताजिया की लम्बाई को लेकर विशेष रूप से मानक तय करने को कहा गया है।
उन्नाव जिले के सफीपुर इलाके में पुलिस कर्मियों एवं मोहर्रम समिति के सदस्यों के साथ हुई बैठक में मोहर्रम समिति के जलालुद्दीन मंसूरी ने कहा कि मोहर्रम के जुलूस के मार्ग पर कर्बला के पास आम के बगीचे में डाल नीचे तक लटकी हुई हैं। इस कारण वहां से ताजिया निकालने में परेशानी होनी तय है। इस पर आसीवन थाना के निरीक्षक अजय कुमार सिंह ने कहा कि बगीचे में मालिक से पुलिसकर्मी वार्ता कर डाल ऊपर करने की बात रखेगें। फिर भी जुलूस में शामिल की जाने वाली ताजिया को दस फीट की रखेगें तो बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल रहेगा।
संभल जिल में अक्सर चर्चा में रहने वाले क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी ने मोहर्रम समिति के सदस्यों के साथ बैठक की और कहा कि मोहर्रम पर ताजिया की लम्बाई दस फुट ही रखी जाए। इस बार कोई पेड़ नहीं कटेगा, न ही बिजली की तार ही हटायी जाएगी। ताजिया को बहुत ऊंचा नहीं बनाए, एक हद तक ही ताजिया की लम्बाई रखें।
सोनभद्र जिले में राबर्टसगंज कोतवाली में क्षेत्राधिकारी चारू द्विवेदी और मोहर्रम समिति के लोगों के बीच बैठक हुई। जिसमें क्षेत्राधिकारी ने समिति से कहा कि किसी भी हाल में दस से पन्द्रह फुट तक ही ताजिया रखी जाएं, जिससे किसी को कोई कठनाई नहीं होनी चाहिए। ताजिया की लम्बाई को कम रखने से ना ही पेड़ की डाल को काटना पड़ेगा। इस पर मोहर्रम समिति की ओर से आपत्ति की गयी लेकिन क्षेत्राधिकारी ने अपने पक्ष पर विशेष जोर दिया।
बहराइच जिले में मोतीपुर थाना क्षेत्र में मोहर्रम के जुलूस को लेकर नेपाल बार्डर पर बसे गांवों के मुस्लिम लोगों के साथ प्रभारी निरीक्षक आनन्द कुमार चौरसिया ने बैठक की। आनन्द कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होंने सख्ती से कहा कि नेपाल बार्डर के बलाई गांव, चौधरी गांव और लोकाही गांव में ताजिया को लेकर दस फुट रखने की गाइडलाइन तय की गयी है। इसका सभी आवश्यक रूप से पालन करेगें। इसके अलावा जुलूस निकालने में दूसरी कठनाईयां आने पर पुलिस को सूचित करेगें।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आगामी छह या सात जुलाई को मोहर्रम मनाया जाएगा। मोहर्रम के दिन जुलूस निकालने की परम्परा पुरानी है। मोहर्रम के जुलूस में ताजिया निकालने एवं इमाम हुसैन की शहादत को याद करने की परम्परा है। जुलूस में ताजिया और अलम अर्थात झंडा लेकर बड़ी संख्या में शिया मुसलमान निकलते हैं।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र
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