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आज पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर होते तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र जरूर लिखते:प्रो. मनोज झा

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—पूर्व प्रधानमंत्री और समाजवादी पुरोधा चंद्रशेखर के पुण्यतिथि पर जुटे समाजवादी विचारक,चंद्रशेखर के संघर्ष को बताया

वाराणसी,08 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रखर समाजवादी नेता चंद्रशेखर की 18वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को वाराणसी में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर पराड़कर भवन, मैदागिन में अमृतकाल में आपातकाल की चुनौतियां: धर्म, राजनीति और गांधी विषयक एक संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें देश भर से समाजवादी चिंतक, राजनीतिक विश्लेषक और विविध दलों के प्रतिनिधि जुटे। गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज झा ने कहा कि आज का विषय बेहद प्रासंगिक है।

उन्होंने कहा कि इस देश के चरित्र को अगर समझना हो तो प्रेमचन्द्र की ईदगाह पढ़ लेना । इस देश के इतिहास को अगर महसूस करना है तो गांधी को जान लो और आज जो सत्ता में बैठी ताकतें गांधी के धर्म की परिभाषा के विपरीत जाकर सावरकर के भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। अगर आज पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर होते तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह पत्र जरूर लिखते कि सत्ता की राजनीति लोक की राजनीति के खिलाफ अगर खड़ी होती है तो वह न केवल इतिहास का काला अध्याय बनता है। प्रो. झा ने प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ और गांधी के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि आज की सत्ता सावरकर के विचारों पर चलते हुए गांधी के धर्म की मूल परिभाषा को दरकिनार कर रही है।

—छद्म आपातकाल का दौर

भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व सदस्य और आपातकाल के समय राजनीतिक बंदी रहे जयशंकर गुप्त ने वर्तमान काल को ‘छद्म आपातकाल’ करार दिया। उन्होंने कहा, आज धर्म की आड़ में इतिहास की पुनर्व्याख्या हो रही है। बाबर के खिलाफ राणा सांगा के साथ लड़ने वाले हसन खां मेवाती जैसे पात्रों को भुलाया जा रहा है, जो गांधी के अंतिम व्यक्ति को भी आशंकित कर रहा है। देश की संवैधानिक संस्थाए जिस तरीक़े से संविधान के मूल्यों को घोटने का कार्य कर रही है वह इस अमृतकाल मे पूरा आपातकाल का एहसास करा रहा है।

—संविधान के मूल्य खतरे में: वीरेंद्र सिंह

चंदौली से सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता पर उठते सवालों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, आज गांधी के भारत को हिटलर के रास्ते ले जाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन चंद्रशेखर के अनुयायी एक नई आशा का संचार कर रहे हैं।

—राहुल गांधी के नेतृत्व में संघर्ष का समर्थन

पूर्व विधान परिषद सदस्य अरविंद सिंह ने कहा कि आज के समय में राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के संघर्षों में शरीक होना ही गांधी की सर्वोदयी राजनीति को जीवित रख सकता है।

—18 वर्षों से जारी श्रद्धांजलि सभा

कार्यक्रम आयोजक कुंवर सुरेश ने कहा कि विगत 18 वर्षों से चंद्रशेखर की पुण्यतिथि पर इस तरह का आयोजन कर वैचारिक संघर्ष को मजबूत किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. सुरेंद्र प्रताप ने की, विषय प्रस्तुति वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव ने दी और संचालन डॉ. शम्मी कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन समाजवादी नेता डॉ. उमाशंकर यादव ने किया। गोष्ठी में पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल, बीएचयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिव कुमार, विचारक विजयनारायण, रामधीरज, नन्दलाल पटेल (भाकपा), भाजपा प्रवक्ता अशोक पांडेय, प्रो. सदानंद शाही, राजेंद्र चौधरी, कांग्रेस नेता अनिल श्रीवास्तव और प्रवक्ता संजीव सिंह सहित कई विशिष्ट जनों ने भाग लिया और चंद्रशेखर के संघर्षपूर्ण जीवन को याद किया।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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