Next Story
Newszop

गंगा की उफनाई लहरें चेतावनी बिंदु के करीब, बाढ़ का कहर, घाट डूबे, शवदाह में मुश्किलें

Send Push

image

—दशाश्वमेध घाट पर जल पुलिस चौकी जलमग्न,अस्सीघाट पर गलियों में गंगा आरती

वाराणसी,19 जुलाई (Udaipur Kiran) । वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है और शनिवार सुबह यह 69.93 मीटर तक पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक,वाराणसी में गंगा में चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है।

जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बढ़ते जलस्तर ने जिले के सभी 84 घाटों को जलमग्न कर दिया है। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

—घाटों पर गहराया संकट, शवदाह में भी बाधा

बढ़ते जलस्तर के चलते मोक्षस्थली मणिकर्णिका घाट पर निचला शवदाह प्लेटफॉर्म पानी में डूब चुका है। शव यात्रियों को बाढ़ का पानी पार कर ऊपरी प्लेटफॉर्म तक जाना पड़ रहा है। हरिश्चंद्र घाट की गलियों में शवदाह किया जा रहा है। जगह की कमी से कई परिजन अपने दिवंगत परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए दो से तीन घंटे तक प्रतीक्षा करने को मजबूर हैं।

गंगा आरती अब छतों और गलियों में

दशाश्वमेध घाट पर नियमित होने वाली गंगा आरती अब गंगा सेवा निधि के कार्यालय की छत पर की जा रही है। वहीं, अस्सीघाट पर गलियों में आरती की जा रही है। जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस चौकी पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है।

—तटवर्ती इलाकों में पलायन शुरू, नौकायन पर रोक

गंगा में उफान से वरुणा नदी में पलट प्रवाह शुरू हो गया है, जिससे सलारपुर, पुरानापुल, दनियालपुर, नक्खीघाट, हुकुलगंज, बघवानाला व पिपरहवा घाट जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। कई लोग राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं, जबकि कुछ परिवार ऊपरी मंजिलों और टेंटों में डटे हुए हैं। कोनिया घाट में पानी बस्ती की ओर बढ़ रहा है। शनिवार को राहत शिविर रह रहे पीड़ितों के बीच भोजन वितरित किया गया।

—नगवां और अस्सी-लंका मार्ग जलमग्न, यातायात ठप

नगवां नाले से गंगा का पानी अस्सी-लंका मार्ग पर दो फीट तक जमा हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह बंद हो गया है। नौकायन पर सुरक्षा कारणों से पूर्ण प्रतिबंध है, जिससे हजारों नाविकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। गंगा आरती देखने आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक भी मायूस होकर लौट रहे हैं।

—ढाब क्षेत्र में बाढ़ का गहरा असर, सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद

गंगा के बढ़ते जलस्तर से तटवर्ती ढाब क्षेत्र की लगभग चालीस हजार की आबादी प्रभावित है। चांदपुर से मोकलपुर के बीच पांच सौ एकड़ से अधिक खेतों में खड़ी फसल डूबने के कगार पर है। परवल, नेनुआ, करैला, लौकी, भिंडी और चारे की फसलें बाढ़ के पानी से घिर गई है। खेतों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम नुकसान के आकलन में जुटी है। प्रभावित क्षेत्रों के राहत शिविरों में व्यवस्था की जा रही है। लोग ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे है।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Loving Newspoint? Download the app now