शिमला, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . राजधानी शिमला में Monday 13 अक्तूबर को निजी बसें नहीं चलेंगी. निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार और परिवहन विभाग की नीतियों के विरोध में एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया है. इस फैसले से शहर और आसपास के क्षेत्रों में रोजाना बसों से सफर करने वाले हज़ारों लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है. खासतौर पर दफ्तर जाने वाले कर्मचारी, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी और रोजमर्रा के काम से निकलने वाले लोग इस हड़ताल की मार झेलेंगे.
निजी बस ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन ने कहा है कि उनकी जायज़ मांगों को सरकार लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है. यूनियन के अध्यक्ष रूप लाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार केवल एचआरटीसी की बसों को बढ़ावा दे रही है, जबकि निजी बस संचालकों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ती डीज़ल कीमतों, टैक्स के बढ़ते बोझ और रूट परमिट में Assamानता के कारण निजी बस ऑपरेटरों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. कई ऑपरेटर अब घाटे में बसें चला रहे हैं और बैंक की किश्तें व कर्मचारियों की तनख्वाह देना भी मुश्किल हो गया है.
रूप लाल ठाकुर ने बताया कि यूनियन लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करती रही है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका. ऐसे में मजबूर होकर हड़ताल का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो 13 अक्तूबर की यह एक दिन की हड़ताल अनिश्चितकालीन भी की जा सकती है.
बस ऑपरेटरों की प्रमुख मांगों में 2011 में जारी उस अधिसूचना को सख्ती से लागू करवाना शामिल है, जिसके तहत 40 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर आने वाली बसों को शहर में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए. यूनियन का कहना है कि जिला प्रशासन और परिवहन विभाग इस नियम को लागू करवाने में पूरी तरह असफल रहे हैं. इसके चलते शहर में बाहर से आने वाली बसों की भीड़ बढ़ रही है, जिससे न केवल यातायात जाम की समस्या बनी रहती है बल्कि स्थानीय निजी बसों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
शहर में निजी बसों का नेटवर्क सबसे व्यापक है और अधिकांश स्थानीय यात्री इन्हीं बसों पर निर्भर रहते हैं. एचआरटीसी की बसें केवल कुछ ही रूटों पर सीमित संख्या में चलती हैं, जिससे इनकी क्षमता यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने में अपर्याप्त रहती है. ऐसे में निजी बसों की हड़ताल से लोगों की मुश्किलें बढ़ना तय है. Monday को सप्ताह का पहला दिन होने के कारण ऑफिस, स्कूल और कॉलेज जाने वालों को सबसे ज्यादा दिक्कत होगी.
ढली, संजौली, टुटू, समरहिल, न्यू शिमला और शोघी जैसे क्षेत्रों में निजी बस सेवाओं पर ही रोजाना हजारों यात्री निर्भर रहते हैं. हड़ताल के कारण इन इलाकों में सार्वजनिक परिवहन ठप हो सकता है. कई लोगों को टैक्सी या अन्य निजी साधनों का सहारा लेना पड़ेगा, जिससे किराया भी बढ़ सकता है.
फिलहाल, सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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