body{font-family:Arial,sans-serif;font-size:10pt;}.cf0{font-family:Nirmala UI,sans-serif;font-size:11pt;}.cf1{font-family:Nirmala UI,sans-serif;font-size:11pt;}body{font-family:Arial,sans-serif;font-size:10pt;}.cf0{font-family:Nirmala UI,sans-serif;font-size:11pt;}
रांची, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । झारखंड की राजधानी रांची स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के पशु चिकित्सा महाविद्यालय में शनिवार को एंटी रैगिंग सप्ताह के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पशु चिकित्सा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. एमके गुप्त, वार्डन डॉ. अरविंद कुमार शर्मा और उप वार्डन डॉ. अर्पणा ने रैगिंग के दुष्प्रभावों के बारे में चर्चा करते हुए ऐसे कृत्य में किसी प्रकार की सलंग्नता से बचने का परामर्श विद्यार्थियों को दिया।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि रैगिंग से पीड़ित विद्यार्थी मानसिक और भावात्मक रूप से कमजोर हो जाता है। इससे उसके शैक्षणिक (एकेडमिक) प्रदर्शन पर तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ता ही है, शिक्षण संस्थान की छवि भी धूमिल होती है। इसलिए रैगिंग में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के प्रति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और उच्चतम न्यायालय का बहुत कड़ा रुख है। भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत रैगिंग करने वालों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
इस अवसर पर सभी छात्र-छात्राओं को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रैगिंग में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं करने का संकल्प दिलाया गया।
जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. आफताब आदिल, डॉ. बसंत कुमार, डॉ. शैलेंद्र कुमार रजक, डॉ. सुनीता कुमारी मुर्मू और डॉ. मधुरेन्द्र कुमार बचन सहित कई अन्य शामिल थे।
——–
(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
You may also like
बेटी नहीं बेटा चाहती थी सास, नहीं कराया 1 साल के बच्ची का इलाज तो कुपोषण से मौत
चीन में मौसम रडार से लैस पहला अपतटीय बूस्टर स्टेशन स्थापित
पीएम मोदी ने दिल्ली वासियों को दी दो बड़ी सौगात, स्थानीय लोग बोले- प्रधानमंत्री का आभार
लंदन : चीनी फिल्म 'तोंगची रेस्क्यू' का यूरोपीय प्रीमियर
प्रेमिका संग रात का शो देखने गया थिएटर, लड़की नेˈ की ऐसी हरकत, फिल्म खत्म होते ही कर लिया ब्रेकअप