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सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बना वित्तीय अनुशासन का मॉडल राज्य

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लखनऊ, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रकाशित राज्य के वित्त लेखे 2022-2023 के अनुसार, Uttar Pradesh वित्तीय अनुशासन और निवेश के मामले में देश के सभी 28 राज्यों में अग्रणी रहा है. Chief Minister योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1,03,237 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया जो देश में सबसे अधिक है. यह राशि राज्य की शुद्ध लोक ऋण प्राप्तियों का 210.68% है, जो यह दर्शाता है कि सरकार ने लिया गया ऋण केवल विकास और पूंजी निर्माण के कार्यों पर खर्च किया है. यह एक आदर्श वित्तीय स्थिति मानी जाती है.

Chief Minister योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में Uttar Pradesh ने न केवल राजस्व व्यय पर नियंत्रण रखा, बल्कि निवेश और पूंजीगत खर्च में नया इतिहास रचा है. वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और विकास उन्मुख व्यय ने यूपी को देश का “फाइनेंशियल रोल मॉडल स्टेट” बना दिया है.

–राजस्व बचत की स्थिति में Uttar Pradesh

सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, Uttar Pradesh की राजस्व प्राप्तियां उसके राजस्व व्यय से अधिक रही हैं, अर्थात् राज्य राजस्व बचत की स्थिति में है. राज्य का स्वयं का राजस्व (कर एवं करेत्तर) राजस्व प्राप्तियों का 45% रहा, जबकि Haryana, तेलंगाना, Maharashtra और Gujarat जैसे औद्योगिक राज्यों में यह 70-80% के बीच रहा. प्रदेश ने कुल व्यय का 9.39% निवेश पर खर्च किया, जो Maharashtra (3.81%), Gujarat (3.64%) और Bihar (1.65%) से कहीं अधिक है. इसके साथ ही, 2013-14 से 2022-23 में केंद्रीय करों में सर्वाधिक राशि Uttar Pradesh को ही प्राप्त हुई है.

–वेतन-पेंशन-ब्याज में कम व्यय

Uttar Pradesh ने प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान) पर कुल राजस्व व्यय का 42.57% खर्च किया, जो Haryana (55.27%) और तमिलनाडु (50.97%) से कम है. प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 12.43% वेतन पर खर्च किया, जबकि 16 राज्यों ने 20% से अधिक खर्च किया. वहीं, पेंशन पर व्यय कुल व्यय का 12.15% रहा, जो कई राज्यों (जैसे Himachal Pradesh 15%+) से कम है. इसी तरह, ब्याज भुगतान कुल व्यय का 8.90% रहा, जबकि 10 राज्यों ने इस मद में 10% से अधिक खर्च किया. सब्सिडी पर व्यय मात्र 4.40% रहा, जबकि Punjab ने अपने व्यय का 17% सब्सिडी पर व्यय किया.

–वृहद निर्माण और सहायता अनुदान में संतुलित व्यय

राज्य ने वृहद निर्माण कार्यों पर कुल व्यय का 11.89% खर्च किया, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. सहायता अनुदान (सामान्य एवं वेतन) पर 22.85% व्यय किया, जो अन्य बड़े राज्यों जैसे Maharashtra, Andhra Pradesh और तेलंगाना से कम है. इसी तरह, सहायता अनुदान (पूंजी सृजन) पर 2.27% व्यय किया, जबकि Assam, Jharkhand और त्रिपुरा में यह 5% से अधिक रहा.

–एफआरबीएम मानकों के अनुरूप और न्यूनतम देयता वाला राज्य

वित्तीय वर्ष 2022-23 में Uttar Pradesh ने एफ.आर.बी.एम. एक्ट के सभी मानकों का पालन किया. राज्य की कुल देयता जीएसडीपी का 29.32% रही, जबकि कुल प्रत्याभूतियां मात्र 7.56% रहीं. यह सरकार के वित्तीय अनुशासन और स्थिरता का प्रमाण है.

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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