New Delhi, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने के पहले के आदेश में कोई भी संशोधन करने से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसके पहले 24 सितंबर को याचिका खारिज कर दिया था.
न्यायालय ने कहा कि इस मामले पर उच्चतम न्यायालय अपना अंतिम फैसला सुना चुका है. उच्चतम न्यायालय ऐसी याचिका खारिज कर चुका है और दिल्ली उच्च न्यायालय भी पहले इस याचिका को खारिज कर चुका है. याचिका उपेन्द्र नाथ दलाई ने दायर की थी. याचिका में चुनावों के दौरान ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती दी गई थी. याचिका में सभी चुनाव बैलट पेपर से कराने की मांग की गई थी. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि अभी बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए हैं. उच्च न्यायालय ने ही याचिकाकर्ता को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि वो बेबुनियाद आरोप लगा रहे थे. कोर्ट ने कहा था कि इस तरह कोर्ट का समय बर्बाद करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट विराम लगा चुका है. तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपको कोर्ट के आदेशों को को पढ़कर आना चाहिए था, इस तरह बिना पढ़े नहीं आना चाहिए था. कोर्ट की इतनी नसीहत के बावजूद याचिकाकर्ता अपनी मांग पर कायम रहे. उसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.
बता दें कि 26 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से मतदान की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया था . जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी जैसे नेता चुनाव हार जाते हैं तो वो कहते हैं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई है, लेकिन जब वो ही इसके जरिए चुनाव जीत जाते हैं तो फिर कुछ नहीं बोलते हैं. तब ईवीएम में कोई खामी नजर नहीं आती है.
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
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