जयपुर, 18 अक्टूबर . जब गोमाता को पशु सूची से हटाकर राष्ट्र और राज्य माता का दर्जा दिया जाएगा तब हर गोभक्त खुशी से झूम उठेगा और नृत्य करेगा. यह विचार जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गुलाबी नगरी में रखे. वे गोमाता को राष्ट्र और राज्य माता का दर्जा दिलाने के लिए विद्याधर नगर स्टेडियम में शुक्रवार को गो ध्वज आंदोलन कार्यक्रम में बोल रहे थे.
इस मौके पर बड़ी संख्या में गो भक्त, साधु-संत और जयपुरवासी एकत्रित हुए. सभी ने एक स्वर में गाय को राज्य और फिर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की बात कही.
यात्रा के सह-प्रभारी ताराचंद कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम में आए ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, गोपाल मणि महाराज, महामंडलेश्वर बाल मुकुंद आचार्य महाराज, प्रकाश दास महाराज सहित संत महात्मा शामिल हुए.
संविधान में भी है गाय को स्थान:
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि शास्त्रों, वेद-पुराणों और यहां तक की देश के संविधान में भी गौ माता को स्थान दिया है. संविधान में कहा है कि गायों का संरक्षण करना चाहिए उनको काटकर बेचा नहीं जाना चाहिए.
इसके विपरीत आज काटने वालों को लाइसेंस दिए जा रहे हैं. तभी सुनने को मिल रहा है कि गाय का मांस बेचकर भारत इतने पायदान ऊपर आया.
शंकराचार्य ने कहा सरकार गाय को माता नहीं मानती इसलिए देश में गाय काटी जा रही है, लेकिन ये स्मरण रखिए कि जैसे लोगों के वर्चस्व से आप सुस्थिर हुए हैं वैसे आपको उतारा जा सकता है.
हमें सरकारों से सोना, चांदी, रूपया, पैसा अनुदान आदि नहीं चाहिए. जिसे माता कहकर पुकारा है उसे माता स्वीकार कर लीजिए. हम बस चाहते हैं कि महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान में गाय को राज्य माता घोषित किया जाए. इसके लिए 31 विधायकों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है.
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