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इंदौर अपने समन्वित और सुनियोजित प्रयासों से आर्थिक क्षेत्र में लगायेगा नई छलांग

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– 2030 तक इंदौर की जीडीपी डबल करने के लिए सांसद लालवानी ने अधिकारियों के साथ चर्चा की

इंदौर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर अब विकास की नई ऊँचाइयों की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है। आने वाले पाँच वर्षों में इंदौर की जीडीपी को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए सांसद शंकर लालवानी की पहल पर सभी प्रमुख विभागों,विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स को साथ लेकर समन्वित और सुनियोजित रणनीति तैयार की जा रही है।

सांसद शंकर लालवानी की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक हुई। इस अवसर पर कलेक्टर आशीष सिंह,नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक हिमांशु प्रजापति, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी. अहिरवार, रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, विद्युत विभाग तथा अन्य प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी और डॉ. अनिल भंडारी भी मौजूद थे।

सांसद लालवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के प्रगतिशील मध्य प्रदेश के सपनों को साकार करने में इंदौर की भूमिका निर्णायक होगी। यहाँ की सामाजिक ऊर्जा, कारोबारी क्षमता और आधुनिक इकोसिस्टम इंदौर को 2030 तक देश के अग्रणी औद्योगिक-आर्थिक केंद्रों में स्थापित करेगा। श्री लालवानी कहा कि इंदौर की जीडीपी को डबल करने के लिए अभियान प्रारंभ किया गया है। इसके तहत लक्ष्य तय किए गए हैं, जिसके अनुसार फार्मा इंडस्ट्री और मेडिकल टूरिज्म को प्रोत्साहित किया जाएगा। इंदौर मध्य भारत का बड़ा स्वास्थ्य केंद्र है। इसको देखते हुए मेडिकल सुविधाओं और अस्पतालों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित कर मेडिकल टूरिज्म को नई ऊँचाई दी जाएगी।

सांसद लालवानी ने प्रेजेंटेशन में बताया कि ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को बढ़ावा देते हुए ग्रीन एनर्जी व ई-व्हीकल को बढ़ावा देकर इंदौर को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की योजना है। सांसद लालवानी ने बताया कि आईटी और स्टार्टअप सेक्टर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। डिजिटल इकोसिस्टम को मज़बूत बनाते हुए युवाओं को इनोवेशन और रिसर्च आधारित शिक्षा से जोड़ा जाएगा। फूड प्रोसेसिंग एवं नमकीन इंडस्ट्री इंदौर की पहचान है।

कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि यह अभियान शहर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सभी विभागों का आपसी तालमेल और साझा प्रयास ही इसे सफल बना सकता है। पारंपरिक व्यवसायों को ग्लोबल ब्रांड बनाने की रणनीति तैयार की जायेगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर व ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी को और सशक्त कर इंदौर को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों से तेज़ी से जोड़ा जाएगा।इस प्रकार इंदौर आने वाले पाँच वर्षों में न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश की आर्थिक वृद्धि में निर्णायक योगदान देने के लिए तैयार है। जिस तरह से ब्लू प्रिंट साझा किया है,उस पर मिलकर काम करेंगे।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बन सकता है, जो सुनियोजित प्रयासों से 5 वर्षों में अपनी जीडीपी को दोगुना करे। उन्होंने सुझाव दिया कि निर्यात-उन्मुख उद्योगों, उच्च मूल्यवर्धन वाले सेक्टर और विदेशी निवेश आकर्षण की दिशा में तेज़ी से काम होना चाहिए। नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन, रिसर्च आधारित लर्निंग और युवाओं को उद्योग की ज़रूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक विकास का मुख्य भागीदार बनाया जाएगा। इस बात पर विशेष बल दिया गया कि इंदौर की जीडीपी को दोगुना करने के लिए स्किल डेवलपमेंट और डिजिटल ट्रेनिंग पर बड़ा निवेश आवश्यक है।

बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि इंदौर को देश का आर्थिक ग्रोथ इंजन बनाने की दिशा में अभियान प्रभावी रूप से चलेगा। प्राथमिक क्षेत्रों पर फोकस, नई तकनीक और शिक्षा, परिवहन व कनेक्टिविटी, औद्योगिक विस्तार और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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