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यूपी में डॉ. आंबेडकर के नाम पर होगा जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम : मुख्यमंत्री

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-योगी आदित्यनाथ ने हजरतगंज स्थित डा. आंबेडकर की प्रतिमा पर किए पुष्प अर्पित

लखनऊ, 14 अप्रैल . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश में जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर होगा. इस कार्यक्रम को इसी महीने आगे बढ़ाने जा रहे हैं. हर गरीब-वंचित को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम को अपने हाथ में लिया है. जीरो पॉवर्टी का मतलब कोई गरीब-वंचित न रह पाए. उन्होंने यह बात भारत रत्न डॉ. आम्बेडकर की 134वीं जयंती पर सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में कही. इस दौरान उन्होंने हजरतगंज स्थित डा. आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.

मुख्यमंत्री ने आंबेडकर महासभा द्वरा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यूपी देश का पहला राज्य है जो जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा. पहले चरण में 14-15 लाख परिवारों को जोड़ेंगे. हर ग्राम पंचायत में 20-25 ऐसे परिवार होंगे, जिन्हें बहुत सारी सुविधाएं नहीं मिली होंगी वर्ष 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ. पहली संगठित सरकार के न्याय मंत्री और संविधान समिति के ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में डॉ. आम्बेडकर को कार्य करने का अवसर मिला. भारत का संविधान आज भी प्रत्येक नागरिकों को जोड़ने का सामर्थ्य रखता है. जो लोग भारत की एकता के पक्षधऱ नहीं थे, वे हंसते थे कि भारत स्वतंत्र तो हो रहा है पर एकजुट नहीं रह पाएगा. उनकी मंशा धरी की धरी रह गई. उत्तर से दक्षिण व पूरब से पश्चिम तक 140 करोड़ लोग एकता के सूत्र में बंधे हैं. संविधान के कारण भारत ने सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में आज भी अपनी धाक जमाई है.

उन्होंने डा. आंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्ष 1891 में मध्य प्रदेश के महू में उनका जन्म हुआ. विलक्षण बुद्धि और कुछ करने की तमन्ना के भाव के कारण उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाने की इच्छा व्यक्त की. महाराजा बडोदरा ने छात्रवृत्ति दी, जिस पर वे वहां गए और दुनिया की उच्चतम शिक्षा की डिग्री हासिल कर वापस भारत आए. उनका एक ही संकल्प था कि कोटि-कोटि वंचितों-दलितों को उनका अधिकार दिलाना है. न सिर्फ देश, बल्कि नागरिकों की आजादी के लिए भी कार्य करना है. वह देश की आजादी के आंदोलन में कूद पड़े.

सपने को साकार करने का प्रयास अटल ने किया, गति मोदी ने दीमुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब के सपने को साकार करने का प्रयास पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू किया, जबकि नई गति पीएम मोदी ने दी. शैक्षणिक हो या आर्थिक, हर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. पीएम मोदी ने इसे आगे बढ़ाया. उन्होंने डा. आंबेडकर व जोगेंद्र नाथ मंडल का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास की घटनाएं सबक होती हैं. डा. आंबेडकर को बहुत सारे लोगों ने लालच दिया, लेकिन वह टस से मस नहीं हुए. उन्होंने ‘आदि से अंत तक भारतीय हूं’ संकल्प का उद्घोष किया.अपमान सहा, लेकिन भारत को अपमानित नहीं होने दिया. देश में डा. आंबेडकर की पूजा हो रही है, लेकिन जोगेंद्र नाथ मंडल के बारे में कोई नहीं जानता. इतिहास की गलतियां माफ नहीं करती हैं. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, महापौर सुषमा खर्कवाल, सांसद बृजलाल, विधायक योगेश शुक्ल, ओपी श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, पवन सिंह चौहान आदि मौजूद रहे.

/ दिलीप शुक्ला

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