जयपुर, 24 जून (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा अधिकारी भर्ती-2024 में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी के सामान्य वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक आने के बावजूद उसे चयन प्रक्रिया से बाहर करने के मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और आयूएचएस से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है। जस्टिस आशुतोष कुमार की की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश नेहा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि आरयूएचएस ने 9 सितंबर 2024 को चिकित्सा अधिकारी के 1220 पदों पर भर्ती निकाली थी। वहीं बाद में पदों की संख्या 1700 कर दी गई। भर्ती परीक्षा 27 अप्रैल 2025 को हुई और इसमें याचिकाकर्ता ने ओबीसी वर्ग में हिस्सा लिया। इसके बाद आरयूएचएस ने दस्तावेज सत्यापन व पात्रता लिस्ट जारी की। इस सूची में याचिकाकर्ता का नाम नहीं था, जबकि उसके सामान्य वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक थे। इसे चुनौती देते हुए कहा कि सामान्य वर्ग से अधिक अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता और उसे चयन प्रक्रिया के अलग चरण में बुलाया जाना जरूरी है। याचिकाकर्ता के सामान्य वर्ग से अधिक अंक आए हैं। ऐसे में उसे आरक्षण का अधिकार होने के बावजूद चयन प्रक्रिया से बाहर किया गया है। उसे दस्तावेज सत्यापन व पात्रता जांच के लिए नहीं बुलाना संविधान के प्रावधानों के विपरीत है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित पक्षकारों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
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