-करमा परियोजना में चाल धंसने की घटना की जांच में उजागर हुई लापरवाही
रामगढ़, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । झारखंड के रामगढ़ जिले के सीसीएल कुजू प्रक्षेत्र में करमा परियोजना में चाल धंसने की घटना की जांच जिला प्रशासन की ओर से की गई। इस जांच में यह पाया गया कि सीसीएल के पदाधिकारियों की लापरवाही की वजह से कोयला का अवैध खनन हो रहा था। इस दौरान खनन करने से चाल धंस गयी और चार ग्रामीणों की मौत हो गई। सीसीएल अपने प्रक्षेत्र की सुरक्षा करने में ना सिर्फ नाकामयाब रहा, बल्कि उसके द्वारा घोर लापरवाही भी बरती गई।
इस मामले में मांडू अंचल अधिकारी विमल कुमार सिंह के बयान पर कुजू जीएम, सिक्योरिटी इंचार्ज, सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ कुजू ओपी में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि करमा सीसीएल प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट पदाधिकारी, प्रबंधक, महाप्रबंधक, सुरक्षा पदाधिकारी एवं सुरक्षाकर्मी के द्वारा मानकों का अनुपालन नहीं करने एवं करवाने में लापरवाही बरतने के कारण घटना घटित हुई है। यह जानकारी मांडू अंचल अधिकारी विमल कुमार सिंह ने दी।
सुगिया गांव के चार लोगों की हादसे में हुई थी मौत-
दर्ज प्राथमिकी 160/25 में कहा गया है कि जांच दल करमा स्थित सीसीएल प्रोजेक्ट ग्रामसुगिया, टोला महुआटुंगरी पहुंचा तो पाया कि खदान में ग्रामीणों का भीड़ है। पूछताछ करने पर पता चला कि कुछ ग्रामीण बीते शनिवार सुबह कोयले का अवैध खनन कर रहे थे। खनन करने के दौरान उपर से चाल गिर जाने के कारण मो इम्तियाज अंसारी, वकील करमाली, निर्मल मुण्डा, रामेश्वर मांझी की मृत्यु हो गई थी।
खदान के चारों तरफ नहीं थी बाउंड्री, अनधिकृत प्रवेश पर नहीं लगी थी रोक-
जांच के क्रम में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त घटनास्थल सीसीएल प्रोजेक्ट करमा कोलयरी अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र है। उक्त खदान में नियमान्सार चारों तरफ चारदिवारी से घेरा बंदी करने, प्रतिबंधित क्षेत्र में अनधिकृत रूप से प्रवेश करने से रोकने तथा खदान क्षेत्र में सुरक्षाकर्मी के जरिये निगरानी रखने का प्रावधान है। लेकिन करमा माइंस के संचालक की ओर से उपरोक्त मानकों का अनुपालन नहीं किया गया है। साथ ही यह भी पाया गया कि उक्त घटनास्थल के पास ही (करीब 75 मीटर) पर माइंस का गार्ड रूम अवस्थित है। इसके बावजूद भी अवैध रूप से कोयले का उत्खनन ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है तथा लीज एरिया के सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेवारी पूर्ण रूप से सीसीएल महाप्रबंधक की है। इनके जरिये सुरक्षा नहीं किया जाना इनके कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। इस कारण खदान के अगल-बगल के ग्रामीणों के जरिये कोयले का अवैध उत्खनन किया जा रहा था। उक्त मृतकों एवं घायलों की ओर से कोयले का अवैध उत्खनन करने के दौरान चाल धंसने से यह घटना घटित हुई है।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
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