गौतम बुद्ध नगर, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . एटीएम बूथ से पैसा निकालने गए लोगों की सहायता के नाम पर डेबिट कार्ड बदलकर उनके खाते से धनराशि निकालने वाले चार बदमाशों को थाना फेस- 3 पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें गैंग का सरगना भी शामिल है. ये बदमाश दिवाली से पहले वारदात को अंजाम देने नोएडा आए थे. पुलिस ने इनके पास से 67 डेबिट कार्ड बरामद किया हैं.
नोएडा सेंट्रल की एडीसीपी शैव्या गोयल ने बताया कि थाना फेस- तीन पुलिस ने एटीएम बूथ में डेबिट कार्ड बदलकर कैश निकालने वाले गिरोह के चार बदमाशों को गुरुवार को गिरफ्तार किया है. ये आरोपित नोएडा व एनसीआर में सुनसान जगह पर लगे एटीएम बूथ के पास खड़े होते हैं. यहां एटीएम बूथ में आने वाले वृद्ध नागरिकों और महिलाओं को देखकर उनकी मदद के लिए एटीएम बूथ के अंदर जाते थे और उन्हें झांसा देकर कार्ड बदल लेते थे.
इस दौरान आरोपित पीड़ित का पासवर्ड भी देख लेते थे. इसके बाद दूसरे एटीएम बूथ में जाकर तुरंत नकदी निकाल लेते थे. पुलिस को इस तरह की शिकायतें लगातार मिल रही थी. गिरफ्तार आरोपितों की पहचान Bihar के गया निवासी पंकज सिंह , धमेंद्र, नवादा निवासी नवलेश सिंह और गोपाल सिंह के रूप में हुई है. पंकज और नवलेश साढ़ू हैं. सभी वर्तमान में अलग अलग स्थानों पर रहते हैं. पंकज पांचवीं पास है. धर्मेंद्र ने सातवीं, नवलेश सिंह ने दसवीं और गोपाल सिंह ने 12वीं तक की पढ़ाई की है. दिवाली के मौके पर ये लोग नोएडा व आसपास के शहरों में एटीएम बूथों की रेकी कर रहे थे. इनके पास से अलग-अलग बैंकों के 67 डेबिट कार्ड, एक मोबाइल और नकदी समेत अन्य सामान बरामद हुआ है.
पुलिस पूछताछ में पता चला कि ये बदमाश पिछले पांच साल से इस तरह की वारदात कर रहे थे. अब तक इनलोगों ने 100 से अधिक घटनाएं की है. गिरोह का सरगना पंकज कुमार है. पंकज ही बूथ के अंदर जाता है और मदद के नाम पर डेबिट कार्ड बदलता है. अन्य तीन बाहर रहते हैं. गिरफ्तार आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. ये आरोपित ऐसे एटीएम बूथ को निशाना बनाते थे जहां सिक्योरिटी गार्ड नहीं हो.ये आरोपित एटठीएम बूथ को चिन्हित कर मशीन में उस जगह पर काला टेप लगा देते हैं ,जहां से रुपये निकलते हैं. जब कोई ग्राहक बूथ के अंदर मशीन से पैसे निकालने आता है तो पैसे निकलने की आवाज तो आती है पर रकम बाहर नहीं आती. मशीन से जब पैसा नहीं निकलता तो ग्राहक कुछ ही देर में थक हारकर बाहर चला जाते थे. इसके बाद आरोपी मशीन में जो पैसा फंसा होता था उसे निकाल लेते थे.
—————
(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
You may also like
मप्रः विभिन्न राज्यों के अफसरों ने देखा इंदौर का स्मार्ट मीटरीकरण
सिवनी: लखनवाड़ा थाने के एएसआई नानकराम पाल निलंबित
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नेतृत्व में लागू रणनीति से वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
हार्ट अटैक के लक्षण और तत्काल उपचार: जानें कैसे बचाएं जान
मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन से दोगुनी होगी पशुपालक किसानों की आय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव