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मुख्यमंत्री ने होजाई में रवींद्रनाथ ठाकुर विश्वविद्यालय के नए परिसर का किया उद्घाटन

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-“गुणवत्तापूर्ण और प्रासंगिक शिक्षा हमारे समाज को आगे ले जाएगी”: मुख्यमंत्री

होजाई (असम), 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने आज होजाई में रवींद्रनाथ ठाकुर विश्वविद्यालय के सर जगदीश चंद्र बोस परिसर का उद्घाटन किया। 55.5 करोड़ रुपये की लागत से 82 बीघा भूमि पर निर्मित इस नए परिसर में एक शैक्षणिक खंड, एक प्रशासनिक भवन और कुलपति का कार्यालय है। फार्मेसी और अन्य विज्ञान संकाय जैसे विभाग पुराने होजाई कॉलेज, जहां विश्वविद्यालय की शुरुआत हुई थी, से नए परिसर में स्थानांतरित हो चुके हैं।

इस मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए डॉ. सरमा ने कहा कि यह उद्घाटन विश्वविद्यालय के लिए एक नए युग का प्रतीक है, जिसने 2019 में 3,500 छात्रों और 35 शैक्षणिक कार्यक्रमों के साथ कार्य करना शुरू किया था। होजाई में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने के अपने 2016 के वादे को याद करते हुए, उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि यह संस्थान इतने कम समय में एक पूर्ण विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हो गया है।

मुख्यमंत्री ने नए परिसर के आगे के विकास के लिए अतिरिक्त ₹50 करोड़ की घोषणा की और जिला आयुक्त को राष्ट्रीय राजमार्ग से 1.5 किलोमीटर लंबी संपर्क सड़क का निर्माण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि होजाई स्थित आईटीआई को विश्वविद्यालय को सौंप दिया गया है, जिससे प्रभावी रूप से इसका तीसरा परिसर बन गया है।

डॉ. सरमा ने शिक्षा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, सेमीकंडक्टर और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी नई तकनीकों के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, भविष्य में, जो लोग इन नवाचारों से अनभिज्ञ हैं, वे सही मायने में निरक्षर ही रहेंगे। उन्होंने वाणिज्य, स्टॉक एक्सचेंज और वित्तीय समावेशन में पाठ्यक्रमों की बढ़ती मांग पर भी प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत आज स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न में वैश्विक अग्रणी है। असम के विश्वविद्यालयों को राज्य को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, उद्यमिता, आधुनिक शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों के सही मिश्रण से असम भारत का एक अग्रणी राज्य बन सकता है।

एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन की सफलता पर ज़ोर देते हुए, डॉ. सरमा ने कहा कि राज्य ने पहले ही ₹1.40 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित किया है। जागीरोड में एक सेमीकंडक्टर प्लांट, धुबड़ी में 3,200 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना, गुवाहाटी में अस्पतालों और होटलों को मिलाकर चिकित्सा पर्यटन सुविधाएं और नुमालीगढ़ में बांस-आधारित इथेनॉल जैसी परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि असम के युवाओं को इन उभरते उद्योगों में नौकरी करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जापान असम से 50,000 कुशल युवाओं की भर्ती करने का इच्छुक है, जबकि सिंगापुर ने भी रुचि दिखाई है। उन्होंने छात्रों को ऐसे अवसरों का लाभ उठाने के लिए जापानी या अंग्रेजी सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।

शिक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, डॉ. सरमा ने कहा कि निजुत मोइना जैसी पहल बाल विवाह को रोकने और स्कूल छोड़ने वालों की संख्या कम करने में मदद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि असम में अब आईआईटी, एम्स और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय हैं और जल्द ही एक आईआईएम भी होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, शिक्षा का विस्तार केवल संख्या में ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता में भी होना चाहिए।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री और होजई ज़िले के संरक्षक मंत्री केशव महंत, सांसद कामाख्या प्रसाद तासा और कृपानाथ मल्लाह, विधायक रामकृष्ण घोष और शिबू मिश्रा, विश्वविद्यालय के कुलपति मनबेंद्र दत्त चौधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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