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डा.आंबेडकर का सपना पूरा करने को सरकारें छोड़ें जातिवाद व स्वार्थ की राजनीति: मायावती

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– मायावती ने सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए बहुजनाें से की एकजुट हाेने की अपील

लखनऊ, 14 अप्रैल . संविधान निर्माता भारतरत्न डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती आज (सोमवार) को पूरे भारत में मनायी जा रही है. इस दौरान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा उन्होंने देश के 125 करोड़ दलित, आदिवासियों, पिछड़े और अन्य उपेक्षित वर्गों को बसपा से सीधे तौर पर जुड़कर उन्हें अंबेडकरवादी बनने का आह्वान किया है.

बसपा प्रमुख ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अगर बहुजनों को उत्पीड़न व अन्याय से मुक्ति चाहिए तो उन्हें सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करनी होगी. इसके लिए एकजुट होना जरूरी है, तभी विरोधियों की चालों को नाकाम किया जा सकता है. मायावती ने सरकरों से जातिवादी और संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति आदि को त्यागकर उन्हें भी संविधानवादी भारतीय बनने का आह्वान भी किया है. तभी डा. भीमराव के जीवन संघर्ष के अनुरूप उनका जातिवाद से मुक्त समतामूलक भारत बनाने का सपना वास्तव में यहां जमीन पर पूरा हो सकेगा. उन्होंने कहा कि देश को महान या विकसित भारत बनाने आदि के लुभावने नारे वास्तव में राजनीतिक व चुनावी उद्देश्यों की पूर्ति के साथ ही अमीरों को और अमीर बनाने वाला साबित हो रहा है. वहीं देश के करोड़ों गरीब, बेरोजगार, महंगाई अशिक्षा, पलायन, पिछड़ेपन आदि का त्रस्त जीवन दूर होने जैसे जीवन सुधार का सही लाभ मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है. ऐसी स्थिति में संविधान के सर्वजन हितैषी कल्याणकारी राज की स्थापना कैसे संभव है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस पार्टी की तरह ही भाजपा राज में भी दलितों व अन्य उपेक्षित लोगों की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक स्थिति लगातार खराब व बदतर होती जा रही है. अब इन वर्गों के आरक्षण के संवैधानिक अधिकार पर भी हर प्रकार सुनयोजित कुठाराघात होने से रोजगार के अभाव में इनके हालात बेहतर होने के बजाए बिगड़ते चले जा रहे हैं, जो बेहद चिंता का विषय है. इन वर्गों के प्रति हर स्तर पर दमन च्रक जारी है तथा जातिवादी पार्टियों के सरंक्षण में स्वार्थी तत्वों का ही बोलबाला है. मुस्लिम, अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित व कल्याण तो दूर उनके जान, माल, मजहब की सुरक्षा की संवैधानिक गारंटियों का खतरा बढ़ा है. इससे देश में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तनाव पैदा हो गया है, जो बहुप्रतीक्षित और जरूरी विकास के माहौल को बिगाड़ रहा है. इससे कुछ लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोग पीड़ित व त्रस्त है. मायावती ने कहा कि डा. आंबेडकर की जयंती यूपी व पूरे देश में जिला स्तर पर विचार संगोष्ठी के रूप में मनायी गई है, जिसका हृदय से आभार प्रकट करती हूं.

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/ दीपक वरुण

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