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दहेज की मांग पर विवाहिता को दिया तीन तलाक, मारपीट कर घर से निकाला, पति व ससुर पर केस दर्ज

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जिले के पलासी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चहटपुर गांव से दहेज उत्पीड़न और तीन तलाक का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़िता नगमा खातून ने अपने पति और ससुर समेत अन्य ससुरालवालों पर दहेज की मांग को लेकर मारपीट कर तीन तलाक देने और घर से निकालने का आरोप लगाया है। इस संबंध में पीड़िता ने पलासी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना 7 मई 2025 की बताई जा रही है, जब नगमा के पति मु. इकबाल ने कथित तौर पर दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे बुरी तरह पीटा और तीन बार ‘तलाक’ कहकर उसे घर से निकाल दिया

नगमा का आरोप है कि शादी के कुछ समय बाद से ही ससुराल पक्ष की ओर से लगातार दहेज में नकद और अन्य सामानों की मांग की जा रही थी। जब उसका परिवार यह मांग पूरी नहीं कर सका, तो उसे प्रताड़ित किया जाने लगा।

इन पर दर्ज हुआ मामला

पलासी थाना में दर्ज एफआईआर में नगमा ने पति मु. इकबाल, ससुर एखलाख, और कुछ अन्य ससुराल पक्ष के लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। सभी पर दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा और मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस कर रही है जांच

पलासी थानाध्यक्ष ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि,

“प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच प्रारंभ हो गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।”

पीड़िता की आपबीती

पीड़िता नगमा ने बताया कि,

“शादी के बाद ससुराल में रहना मुश्किल हो गया था। लगातार दहेज की मांग और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। आखिरकार 7 मई को मेरे पति ने मुझे मारा और तीन तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। अब मैं न्याय की गुहार लगा रही हूं।”

तीन तलाक कानून के तहत मामला

गौरतलब है कि भारत में तीन तलाक (Triple Talaq) पर 2019 से सख्त कानून लागू है, जिसके तहत मौखिक तलाक देना अपराध की श्रेणी में आता है और दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। इस मामले में भी मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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