भारत में कृषि आधारित जीवनयापन करने वाले करोड़ों परिवारों के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर विभिन्न सहायता योजनाएं चलाती रही है। इन्हीं में से एक है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN), जिसे वर्ष 2019 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे खेती के लिए जरूरी संसाधन जुटा सकें और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
क्या है PM-KISAN योजना?प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के तहत देश के पात्र किसानों को हर वर्ष ₹6000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि तीन बराबर किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है:
-
₹2,000 पहली किस्त
-
₹2,000 दूसरी किस्त
-
₹2,000 तीसरी किस्त
यह धनराशि DBT (Direct Benefit Transfer) प्रणाली के माध्यम से भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है।
पात्रता और लाभार्थीइस योजना का लाभ ऐसे किसान परिवारों को मिलता है, जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि भूमि है। हालांकि अब इसे संशोधित कर सभी किसानों को लाभ देने की दिशा में योजना का विस्तार किया गया है, बशर्ते वे आयकर दाता न हों।
योजना के प्रमुख उद्देश्य:-
आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मदद देना
-
खेती के लिए जरूरी इनपुट जैसे बीज, खाद, दवाइयों की खरीद में सहायता
-
किसानों की आय बढ़ाने और जीवनस्तर सुधारने में सहयोग
-
कृषि उत्पादन में स्थिरता लाना
2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, PM-KISAN योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिल चुका है। सरकार की ओर से अब तक 2.80 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को ट्रांसफर की जा चुकी है।
इस योजना के तहत हर साल 3 किस्तें जारी होती हैं, और सरकार यह सुनिश्चित करती है कि हर पात्र किसान को समय पर सहायता राशि मिल सके।
आवेदन की प्रक्रियाजो किसान अभी तक इस योजना से नहीं जुड़े हैं, वे PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in) पर जाकर स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा CSC सेंटर, पटवारी या लेखपाल की मदद से भी रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।
You may also like
Mangalwar Upay: बुरी नजर से बचने के लिए मंगलवार को करें ये उपाय, हनुमानजी भी होंगे प्रसन्न
जीद में हुई बारिश से शहर में हुआ जलभराव,लोग परेशान
पानीपत: महिलाओं ने रास्ता पूछने के बहाने दंपति को लगाया 30 हजार का चूना
कसबा कांड पर विवादित बयान को लेकर तृणमूल विधायक मदन मित्रा ने मांगी माफी
'कक्षा एक से छह तक क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए', भाषा विवाद पर बोले आठवले