25 साल से लंबित अजगैबीनाथ धाम (सुल्तानगंज) से देवघर तक रेल परियोजना को अब नई गति मिल गई है। केंद्र सरकार ने इस द्वादश ज्योतिर्लिंग परियोजना पर अपना मान लिया है, जो बाबा बैद्यनाथ धाम और बिहार के अजगैबीनाथ धाम के बीच सीधी रेल सेवा प्रदान करेगी।
सूत्रों के अनुसार, यह रेल परियोजना लंबे समय से प्रतीक्षित थी। अजगैबीनाथ धाम से देवघर तक इस रेल लाइन का सपना 25 साल पहले देखा गया था, लेकिन विभिन्न प्रशासनिक और वित्तीय कारणों से यह लंबे समय तक लंबित रही। अब केंद्र सरकार ने इसे प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधाजनक और त्वरित परिवहन सेवा सुनिश्चित करना है। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र के विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि अजगैबीनाथ धाम और देवघर के बीच सीधी रेल लाइन से यात्रियों का समय और खर्च दोनों बचेंगे। वर्तमान में यात्रियों को सड़क मार्ग से लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जो समय और सुविधा दोनों में चुनौतीपूर्ण है। रेल परियोजना पूरी होने के बाद यह मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित बन जाएगा।
स्थानीय प्रशासन और रेल विभाग ने अब इसके लिए सर्वेक्षण और तकनीकी अध्ययन शुरू कर दिया है। जमीन अधिग्रहण, बजट आवंटन और निर्माण कार्य की योजना जल्द ही तैयार की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि परियोजना को जल्द से जल्द पूरी करने के लिए सभी संसाधनों का समुचित प्रबंधन किया जाएगा।
स्थानीय लोग और तीर्थयात्री इस परियोजना की खबर से बेहद उत्साहित हैं। उनका कहना है कि यह रेल परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, इससे स्थानीय व्यापार और पर्यटन उद्योग को भी लाभ होगा।
केंद्र और राज्य सरकार ने इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए कहा है कि जल्द ही इसकी विस्तृत कार्ययोजना और टाइमलाइन जारी की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि परियोजना समयबद्ध तरीके से पूरी हो और जनता को इसके लाभ जल्द मिल सकें।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद बिहार के धार्मिक पर्यटन और रेलवे नेटवर्क को नई दिशा मिलेगी। अजगैबीनाथ धाम और देवघर के बीच तीर्थयात्रा करने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए यह एक सुविधाजनक और सुरक्षित विकल्प साबित होगा।
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