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Niranjan Nath Wanchoo Death Anniversary निरंजन नाथ वांचू की पुण्यतिथि पर जानें इनके अनसुने किस्से

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निरंजन नाथ वांचू (अंग्रेज़ी: Niranjan Nath Wanchoo ; जन्म- 1 मई, 1910, सतना, मध्य प्रदेश; मृत्यु- 20 अक्टूबर, 1982) वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी थे। बाद में वे केरल और मध्य प्रदेश के राज्यपाल पद पर रहे। वर्ष 1934 में निरंजन नाथ वांचू ने 'भारतीय प्रशासनिक सेवा' में प्रवेश किया और बिहार में सब-कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएँ प्रारंभ कीं।

निरंजन नाथ वांचू का जन्म 1 मई, 1910 को मध्य प्रदेश राज्य के सतना ज़िले में हुआ था। उन्होंने लाहौर (अब पाकिस्तान में) के 'गवर्नमेंट कॉलेज' और 'किंग्ज कॉलेज', केम्ब्रिज से शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद निरंजन नाथ वांचू ने वर्ष 1934 में 'इंडियन सिविल सर्विस' (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में प्रवेश किया और आई.ए.एस. बने। उनकी अध्ययन आदि में विशेष रुचि थी।[1]

1934 में 'इंडियन सिविल सर्विस' में आने के बाद निरंजन नाथ वांचू ने बिहार में सब-कलेक्टर के रूप में सेवा प्रारंभ की। फिर आप उड़ीसा में तैनात हुए।
बाद में निरंजन नाथ वांचू भारत सरकार के वाणिज्य एवं खाद्यान्न विभाग में नियुक्त हुए।
सन 1948 में निरंजन नाथ वांचू आडीनिन्स फैक्टरियों के महानिदेशक बने।
1948 से 1957 तक सुरक्षा मंत्रालय मे संयुक्त सचिव तथा सुरक्षा उत्पादन में मुख्य नियंत्रक नियुक्त हुए।


'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग' के सदस्य रूप में भी निरंजन नाथ वांचू ने सेवाएँ दीं।
वर्ष 1948 से 1961 तक वे वित्त मंत्रालय में सचिव भी रहे थे।

निरंजन नाथ वांचू 'लोह इस्पात औद्योगिक विकास विभाग' में सचिव के पद पर भी रहे।
सन 1965 से 1970 तक 'बोकारो स्टील लिमिटेड' के तथा सन 1968 से 1972 तक 'नेशनल प्रोडक्टिविटि कोंसिल' के चेयरमेन रहे।[1]
'इंडस्ट्रियल कास्टम एण्ड प्राइसेस ब्यूरो' के चेयरमेन के रूप में सेवाएँ देने के बाद निरंजन नाथ वांचू ने सन 1972 में अवकाश ग्रहण कर लिया। फिर वे 1 अप्रैल, 1973 से 10 अक्टूबर, 1977 तक केरल के तथा 14 अक्टूबर, 1977 से 16 अगस्त, 1978 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे।

निरंजन नाथ वांचू कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। वे अंग्रेज़ी तथा फ्रेंच के अतिरिक्त अनेक भारतीय भाषाओं के कुशल ज्ञाता थे।[1]

निरंजन नाथ वांचू का निधन 20 अक्टूबर, 1982 को हुआ।

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