नागपुर के हुडकेश्वर थाना क्षेत्र से एक ऐसी सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल पारिवारिक रिश्तों को शर्मसार कर दिया है, बल्कि समाज को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि घरेलू हिंसा की आग आखिर कितना विकराल रूप ले सकती है। इस मामले में एक 17 वर्षीय नाबालिग बेटे ने अपनी मां के साथ मिलकर अपने पिता की गला घोंटकर हत्या कर दी। कारण था—मां के साथ लगातार हो रही मारपीट और गाली-गलौज।
घरेलू हिंसा से उपजा मौत का बदलापुलिस के मुताबिक, मृतक की पहचान 40 वर्षीय मुकेश के रूप में हुई है, जो पेशे से मजदूर था और शराब का आदी था। मुकेश रोजाना शराब पीकर घर आता और अपनी पत्नी उर्मिला और बेटे को पीटा करता था। बीते कुछ वर्षों से यह उत्पीड़न लगातार बढ़ता जा रहा था। बेटे के लिए अपने पिता की यह क्रूरता असहनीय होती जा रही थी। मां के आंसू और पिटाई देखकर वह मानसिक रूप से टूट चुका था।
रात का झगड़ा बना मौत की वजहघटना वाली रात यानी हत्या से कुछ घंटे पहले मुकेश ने नशे में धुत होकर पत्नी उर्मिला से खाने की मांग की। जब पत्नी ने बताया कि खाना अभी बन रहा है, तो वह आगबबूला हो गया और गाली-गलौज करने लगा। बात बढ़ी तो मारपीट शुरू हो गई। इस मारपीट में जब बेटे ने हस्तक्षेप किया और मां को बचाने की कोशिश की, तो मुकेश ने उसे भी पीटना शुरू कर दिया। इसी दौरान आपा खो चुके बेटे ने अपने पिता का गला घोंट दिया। मुकेश की मौके पर ही मौत हो गई।
शव ठिकाने लगाने की नाकाम कोशिशहत्या के बाद मां-बेटा घबरा गए, लेकिन दोनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। उन्होंने सबसे पहले फर्श पर फैले खून के धब्बे फिनाइल से साफ किए, फिर शव को बोरे में भर दिया। उनका इरादा था कि शव को किसी नाले या नदी में फेंक दिया जाए, ताकि किसी को शक न हो। लेकिन शव भारी होने के कारण वे उसे घर से बाहर निकाल नहीं सके।
दोस्त ने दिखाई सही राहशव हटाने में नाकाम रहने पर नाबालिग बेटे ने अपने एक दोस्त को घर बुलाया और सारी बात बताई। दोस्त यह सुनकर दंग रह गया, लेकिन उसने तुरंत समझदारी दिखाई। उसने आरोपी बेटे से कहा कि यह काम बहुत जोखिम भरा है, वह खुद भी फंस जाएगा और तुझे भी जेल जाना पड़ेगा। दोस्त ने उसे समझाया कि सबसे अच्छा यही होगा कि वह खुद जाकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दे।
आरोपी ने किया सरेंडर, मां गिरफ्तारदोस्त की बातों का असर हुआ और बेटा उसी के साथ पुलिस थाने पहुंचा। पुलिस को शुरू में उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब वे घटनास्थल पर पहुंचे तो घर के अंदर एक बोरे में शव मिला, जिससे पूरे मामले की पुष्टि हो गई। इसके बाद पुलिस ने तुरंत नाबालिग को हिरासत में ले लिया और मां उर्मिला को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कर रही है जांचहुडकेश्वर पुलिस थाने के अधिकारियों ने बताया कि मृतक मुकेश के खिलाफ पहले भी घरेलू हिंसा की मौखिक शिकायतें मिल चुकी थीं, लेकिन कभी कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी। आरोपी नाबालिग दसवीं कक्षा का छात्र है और पढ़ाई में सामान्य था। पुलिस अब इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है कि यह हत्या कितनी पूर्व नियोजित थी और कितनी अचानक हुई।
न्याय और समाज की सोच पर सवालइस दिल दहला देने वाले मामले ने समाज के सामने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या सालों तक पीड़ा झेलने के बाद ऐसे कदम उठाना सही है? क्या घरेलू हिंसा से त्रस्त महिला और बच्चे के लिए कानून के पास कोई तत्काल राहत है? और सबसे अहम—क्या एक नाबालिग को ऐसे अपराध के लिए पूरी तरह दोषी ठहराना न्याय होगा? फिलहाल पुलिस की जांच जारी है, और इस मामले में कोर्ट क्या निर्णय लेती है, यह भविष्य में साफ होगा। लेकिन एक बात तय है—इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि जब रिश्ते दर्द देने लगते हैं, तो इंसान नफरत और हिंसा की हदें पार कर देता है।
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