राजस्व कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में मुजफ्फरपुर पश्चिमी के भूमि सुधार उप समाहर्ता धीरेन्द्र कुमार को निलंबित कर दिया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की रिपोर्ट के अनुसार विभाग एवं मुख्य सचिव द्वारा प्रत्येक माह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला पदाधिकारियों के साथ की जाने वाली मासिक समीक्षा के आधार पर पाया गया है कि राजस्व कार्यों के क्रियान्वयन में वे घोर लापरवाही बरत रहे हैं तथा विभाग स्तर एवं मुख्य सचिव स्तर से बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद उनके कार्यकलापों में कोई सुधार नहीं हुआ है। धीरेन्द्र कुमार का यह व्यवहार एक वरीय पदाधिकारी की घोर लापरवाही एवं कर्तव्यहीनता को दर्शाता है। उनका यह व्यवहार बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1976 के नियमों का उल्लंघन है।
इस कारण उन्हें निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय आयुक्त कार्यालय, पटना प्रमंडल निर्धारित किया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। लंबित सड़क परियोजनाओं के लिए शीघ्र ही सक्षम भू-अर्जन पदाधिकारी का गठन किया जाएगा। दूसरी ओर, राज्य में कई सड़क परियोजनाएं भू-अर्जन के कारण लंबित हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकार का गठन करना होगा। इसके मद्देनजर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और पथ निर्माण विभाग ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है। कहा गया है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भूमि अधिग्रहण के लिए तत्काल सक्षम प्राधिकार का गठन करे, ताकि सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा सके और फिर तय समय के अंदर निर्माण पूरा किया जा सके। बता दें कि हाल ही में पथ निर्माण विभाग ने प्राधिकार के गठन के लिए भू-अर्जन निदेशक को पत्र भेजा है। प्राधिकार के गठन के तहत राजस्व विभाग एक नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति करता है। फिर इसकी जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को दी जाती है। जिन सड़क परियोजनाओं के लिए प्राधिकार का गठन किया जाना है, उनमें से एक खगड़िया-पूर्णिया फोरलेन सड़क भी है।
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