भारतीय संस्कृति में भगवान गणेश को सुख, समृद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता भी कहा जाता है, जो जीवन की हर कठिनाई को सहजता से दूर कर सकते हैं। विवाह से जुड़े मामलों में भी भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है। कई बार वैवाहिक जीवन में अनबन, असहमति, मनमुटाव या संतान सुख की बाधाएं देखने को मिलती हैं। ऐसे समय में ‘गणेश अष्टकम’ का नियमित पाठ और उसके साथ कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली टोटकों को अपनाकर वैवाहिक जीवन को फिर से प्रेम और सामंजस्य से भरा जा सकता है।इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि गणेश अष्टकम का पाठ करते समय कौन से आध्यात्मिक उपाय या टोटके किए जाएं, ताकि आपका वैवाहिक जीवन सुखी, संतुलित और समृद्ध हो।
क्या है गणेश अष्टकम?
‘गणेश अष्टकम’ संस्कृत का एक पवित्र स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश के आठ स्वरूपों का गुणगान किया गया है। यह अष्टक न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए, बल्कि जीवन के व्यावहारिक पहलुओं जैसे विवाह, संतान, संबंधों और पारिवारिक सुख के लिए भी अत्यंत प्रभावशाली है। इसका पाठ करते समय श्रद्धा और विश्वास के साथ कुछ विशेष उपाय करने से दांपत्य जीवन में अकल्पनीय सुधार देखा जा सकता है।
गणेश अष्टकम पाठ के दौरान करें ये प्रभावशाली टोटके
1. पति-पत्नी साथ बैठकर करें पाठ
यदि संभव हो तो पति-पत्नी दोनों एक साथ बैठकर गणेश अष्टकम का पाठ करें। इससे आपसी समझ बढ़ती है, मनमुटाव दूर होते हैं और एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम में वृद्धि होती है।
2. पीले वस्त्र धारण करें
गणेश जी को पीला रंग प्रिय होता है। बुधवार को या पाठ के दिन पति-पत्नी दोनों पीले वस्त्र पहनकर पूजा करें। इससे शुभ ऊर्जा आकर्षित होती है और पारिवारिक सुख बना रहता है।
3. दूर्वा और मोदक का भोग
गणेश जी को दूर्वा (दुब घास) और मोदक अति प्रिय हैं। गणेश अष्टकम के पाठ के बाद इन्हें भोग स्वरूप अर्पित करें। इससे घर में प्रेम, मिठास और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
4. गणेश मूर्ति पर सिंदूर अर्पित करें
गणपति की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाना शुभ माना जाता है। पाठ से पूर्व भगवान को सिंदूर अर्पित करें और वैवाहिक सुख की कामना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन की कटुता समाप्त होती है।
5. शंख में जल भरकर छिड़काव करें
गणेश अष्टकम का पाठ करते समय एक शंख में गंगाजल भरकर घर के कोनों में छिड़काव करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और वातावरण पवित्र होता है, जो दांपत्य जीवन के लिए लाभकारी होता है।
पाठ की सही विधि
सुबह स्नान कर शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर के मंदिर या शांत स्थान पर गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
दीपक जलाएं और गुग्गुल, लोबान या चंदन की अगरबत्ती से वातावरण सुगंधित करें।
भगवान गणेश को दूर्वा, पीले फूल, मोदक और सिंदूर अर्पित करें।
श्रद्धा से गणेश अष्टकम का पाठ करें और अंत में ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का 21 बार जप करें।
पाठ के बाद पति-पत्नी एक-दूसरे को मोदक खिलाएं – यह प्रेम और सौहार्द बढ़ाने का प्रतीक है।
किन परिस्थितियों में यह उपाय अधिक प्रभावी है?
जब पति-पत्नी में बार-बार विवाद हो रहा हो।
जब विवाह में सामंजस्य की कमी हो।
जब संतान सुख में विलंब या बाधा हो।
जब रिश्तों में नकारात्मकता बढ़ रही हो।
जब वैवाहिक जीवन में मानसिक अशांति हो।
इन परिस्थितियों में गणेश अष्टकम के साथ बताये गए टोटके विशेष रूप से प्रभावशाली सिद्ध होते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या कहता है?
श्लोकों का उच्चारण, मंत्रों की ध्वनि तरंगें और पूजा की मानसिकता हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। गणेश अष्टकम का पाठ करने से व्यक्ति शांत, संतुलित और मानसिक रूप से स्थिर होता है। यही स्थिरता वैवाहिक जीवन में संवाद, धैर्य और समझ को जन्म देती है।
You may also like
Documentary '1984, When The Sun Didn't Rise' Explores the Aftermath of Anti-Sikh Violence
क्रेडिट कार्ड में एक्सपायरी डेट और सीवीवी क्यों छपी होते हैं ? विस्तार से जानते हैं इनके महत्व
जीवन में सफलता पाना है तो अपनाएं चाणक्य के ये सूत्र, कभी नही होगी हार
Health Tips : गर्मी में पेट के लिए वरदान हैं ये फल, भूख मिटाने के साथ...
Cannes Film Festival 2025: ग्लैमर और सिनेमा का अद्भुत संगम