रांची में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के नाम पर कुछ दलाल उपभोक्ताओं से अवैध वसूली कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सिंगल फेज कनेक्शन के लिए 10 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि वास्तविक शुल्क कहीं कम है।
❖ वास्तविक शुल्क और वसूली का अंतर-
एक किलोवाट सिंगल फेज कनेक्शन का वास्तविक शुल्क 1775 रुपये है।
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इसमें 500 रुपये का बैलेंस शामिल है।
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इसके बावजूद दलाल उपभोक्ताओं से 10 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है।
बिजली विभाग इस अवैध वसूली को रोकने में विफल है। विभाग का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, लेकिन धरातल पर सख्ती और नियंत्रण की कार्रवाई नहीं की गई है।
❖ उपभोक्ताओं की परेशानीउपभोक्ताओं का कहना है कि दलालों का यह धंधा आर्थिक रूप से उन्हें प्रभावित कर रहा है। कई लोग मजबूरी में अधिक राशि दे रहे हैं ताकि उन्हें कनेक्शन मिल सके।
❖ विशेषज्ञों की सलाहविशेषज्ञों का कहना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना तभी सफल होगी जब वसूली नियमों के अनुसार हो। अवैध वसूली रोकने के लिए विभाग को:
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और भुगतान प्रणाली को सख्ती से लागू करना होगा।
उपभोक्ताओं को सच्ची जानकारी और सरकारी शुल्क से अवगत कराना होगा।
दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी
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