जालंधर के एक नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भर्ती दो युवक फरार हो गए। दोनों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनके शव कल देर रात सिंघपुर गाँव में एक शराब के ठेके के पास बरामद किए गए। मृतकों की पहचान होशियारपुर ज़िले के कोटली गाँव निवासी 35 वर्षीय गुरसेवक सिंह और कपूरथला ज़िले के संघियाँ गाँव निवासी 30 वर्षीय नवदीप सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जाँच शुरू कर दी है।
ज़्यादा शराब पीने के बाद, वे शराब के ठेके पर ही लेट गए और फिर कभी नहीं उठे
दोनों युवक 3 अक्टूबर को होशियारपुर के बुल्लोवाल गाँव स्थित नशा मुक्ति केंद्र से भाग गए थे। इसके बाद वे सिंघपुर गाँव स्थित शराब के ठेके पर अपने परिचित सुखबीर सिंह के पास गए। उनके साथ रिहाना जट्ट निवासी जगजीत सिंह उर्फ शाका नाम का एक और युवक भी था। तीनों कुछ देर दुकान पर रुके, शराब पी और कहा कि उन्हें नींद आ रही है। वे लेट गए, लेकिन बाद में जब उन्हें जगाने की कोशिश की गई, तो वे बेहोश पाए गए। यह देखकर शाका मौके से भाग गया। आसपास के लोगों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। एम्बुलेंस टीम दोनों युवकों को सरकारी अस्पताल ले गई, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भोगपुर पुलिस ने उस शराब की दुकान पर काम करने वाले युवक सुखबीर सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जहाँ युवकों ने शराब पी थी। जाँच में पता चला कि नशा मुक्ति केंद्र से भागने के बाद युवकों ने काफी मात्रा में नशा किया था। एक युवक के शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
मृतकों में से एक की जेब से सिरिंज बरामद
सुखबीर सिंह ने पुलिस को बताया कि भोगपुर की ओर जाते समय तीनों युवकों को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। दो युवक घायल हो गए और अत्यधिक नशे के कारण उनकी हालत बिगड़ गई। एक मृतक की जेब से एक सिरिंज भी बरामद हुई। पुलिस अब इस बात की जाँच कर रही है कि मौत सड़क दुर्घटना से हुई या नशे के कारण। भोगपुर थाने के एसएचओ कुलबीर सिंह ने बताया कि आज एफआईआर दर्ज कर ली गई है और फरार युवक जगजीत सिंह उर्फ शाका की तलाश जारी है।
फिरोजपुर में चार युवकों की नशे से मौत के बाद एसएचओ और एएसआई निलंबित
फिरोजपुर के लाखो के बेहराम गाँव में कुछ दिन पहले चार युवकों की मौत हो गई थी। रणदीप सिंह, रमनदीप सिंह, मेहेद सिंह और संदीप सिंह की नशे की ओवरडोज़ से मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने शवों को फिरोजपुर-अबोहर रोड पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि गाँव में मेडिकल स्टोर्स पर खुलेआम हेरोइन बेची जा रही है। इस मामले में ज़िला प्रशासन और पुलिस ने लाखो के बेहराम थाने के एसएचओ और एएसआई को निलंबित कर दिया है। एक ही गाँव के चार युवकों की मौत के बाद ज़िला स्वास्थ्य विभाग और पुलिस लगातार मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी कर नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
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