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राजस्थान में पहली बार पुराने कोरोना वैरिएंट से 2 लोगों की मौत, देखे वीडियो

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राजस्थान में कोरोना वायरस से जुड़ी एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। राज्य में पहली बार कोविड-19 के पुराने वैरिएंट से दो लोगों की मौत हुई है। अब तक साधारण फ्लू की तरह बिहैव करने वाले इन पुराने वैरिएंट्स को कम खतरनाक माना जा रहा था, लेकिन हालिया घटनाओं ने चिकित्सा विशेषज्ञों को भी चिंतित कर दिया है।

मृतकों में एक महिला सहित दो मरीज शामिल हैं, जिनकी कुछ ही दिनों के भीतर मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, दोनों मरीजों में जो वायरस मिला है, वह कोविड-19 के शुरुआती दौर में सक्रिय रहे पुराने वैरिएंट्स में से एक है। अब तक इन्हें "माइल्ड इंफेक्शन" के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन इन मौतों ने आशंका बढ़ा दी है कि क्या यह वायरस फिर से ताकतवर हो रहा है?

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों के बाद सतर्कता बढ़ा दी है और इन मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट मंगवाई गई है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वायरस में कोई नया म्यूटेशन तो नहीं हुआ है। राजस्थान के प्रमुख मेडिकल कॉलेज और वायरोलॉजी लैब्स को भी अलर्ट कर दिया गया है।

डॉक्टरों की चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि भले ही वैरिएंट पुराने हों, लेकिन बुजुर्गों, पहले से बीमार और कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों ने जनता से अपील की है कि वे बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत जांच कराएं।

फ्लू जैसा लक्षण, लेकिन असर घातक
अब तक यह वैरिएंट केवल सामान्य फ्लू जैसे लक्षण—जैसे हल्का बुखार, जुकाम और खांसी—दिखा रहा था, लेकिन जिन दो मरीजों की मौत हुई, उनमें संक्रमण तेजी से फेफड़ों तक पहुंच गया। इससे साफ है कि वायरस अपनी प्रकृति बदल सकता है और कमजोर शरीर पर बुरी तरह असर डाल सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
राज्य सरकार ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि सभी सांस संबंधी मरीजों की कोविड जांच की जाए। इसके साथ ही कोविड डेडिकेटेड बेड और ऑक्सीजन व्यवस्था को फिर से सक्रिय करने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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