भारत में कई मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो अपनी कहानियों, रहस्यों, चमत्कारों और महत्व के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों से जुड़ी कई ऐसी रोचक कहानियां और चमत्कार हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे। लेकिन सिर्फ इतिहास ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी में भी कई ऐसे मंदिर हैं, जो रहस्य से भरे हुए हैं। रहस्य से भरा ऐसा ही एक मंदिर है मेहंदीपुर बालाजी। यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच है। इस मंदिर में आपको ऐसी अजीबोगरीब परंपराएं और मान्यताएं देखने को मिलेंगी, जिन्हें देखकर आप हैरान रह जाएंगे।
भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए की जाती है प्रार्थना
मेहंदीपुर बालाजी में लोग दूर-दूर से भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से मुक्ति की प्रार्थना करने आते हैं। यहां ऐसे लोगों की लंबी कतार लगी रहती है, जो बुरी आत्माओं से परेशान हैं। यहां हर रोज 2 बजे बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए कीर्तन होता है। कीर्तन में लोगों पर पड़े नकारात्मक साये या बुरी आत्माओं को दूर किया जाता है।
मेहंदीपुर बालाजी के प्रसाद का रहस्य
आमतौर पर जब लोग किसी मंदिर में जाते हैं तो प्रसाद अपने साथ ले जाते हैं और घर भी लाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जितना ज़्यादा प्रसाद बांटा और खाया जाता है, उतना ही ज़्यादा पुण्य मिलता है। लेकिन मेहंदीपुर बालाजी एक ऐसा मंदिर है जहाँ आप न तो किसी तरह का प्रसाद खा सकते हैं और न ही अपने साथ घर ले जा सकते हैं। यहाँ बालाजी को लड्डू, प्रेतराज को चावल और भैरव को उड़द का भोग लगाया जाता है। भूत-प्रेत के प्रभाव में आए लोग ख़ास तौर पर इस प्रसाद को लेकर अजीबोगरीब हरकतें करने लगते हैं। आप इस मंदिर से प्रसाद के साथ कोई भी खाद्य पदार्थ या दूसरी चीज़ अपने साथ नहीं ले जा सकते। इसके पीछे रहस्य यह है कि ऐसा करने से नकारात्मक या भूत-प्रेत बाधाओं का साया आप पर पड़ सकता है।
मेहंदीपुर बालाजी में दो तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है
मेहंदीपुर बालाजी में दो तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है। एक दरखवस्त या हज़ारी और दूसरा अर्जी। हाजिरी के लिए प्रसाद दो बार खरीदना पड़ता है और भोग के लिए प्रसाद तीन थालियों में दिया जाता है। अगर आप मेहंदीपुर बालाजी में हाजिरी लगाते हैं तो आपको एक बार हाजिरी लगाने के बाद तुरंत वहां से निकल जाना होता है। लौटते समय आवेदकों को प्रसाद दिया जाता है। इस प्रसाद को मंदिर से निकलते समय बिना पीछे देखे फेंकना होता है।
मेहंदीपुर बालाजी से जुड़े अन्य रहस्य
मेहंदीपुर बालाजी के बाएं सीने में एक छेद है, जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है। लोक मान्यताओं के अनुसार इसे बालाजी का पसीना कहा जाता है।
बालाजी के ठीक सामने भगवान राम और माता सीता की मूर्ति भी है। मूर्तियों के आमने-सामने होने का रहस्य यह है कि बालाजी हमेशा राम-सीता को देखते रहते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी आने वाले भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना होता है। यहां आने वाले भक्तों को पूरे एक सप्ताह तक लहसुन, प्याज, मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन बंद करना होता है।
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