न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। दुनियाभर की बड़ी कंपनियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है और अब इसका असर लोगों की नौकरियों पर साफ तौर पर दिखने लगा है। तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी IBM (International Business Machines) ने करीब 8,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस छंटनी का सबसे बड़ा असर Human Resources (HR) विभाग पर पड़ा है, जहां सैकड़ों पद AI एजेंट्स द्वारा प्रतिस्थापित कर दिए गए हैं। IBM के इस कदम को ऑटोमेशन और AI के प्रयोग को बढ़ावा देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसके जरिए कंपनी अपने आंतरिक कार्यप्रणाली को अधिक कुशल और लागत-कुशल बनाना चाहती है।
AI की वजह से HR विभाग में आई बड़ी तबाहीIBM ने हाल ही में अपने HR विभाग में करीब 200 पदों को AI सॉफ्टवेयर से रिप्लेस कर दिया है। इन AI एजेंट्स का काम है — जानकारी को छांटना, कर्मचारियों की पूछताछ का उत्तर देना और आंतरिक कागज़ी कार्रवाई करना। ये सभी ऐसे कार्य हैं जो दोहराव वाले (repetitive) होते हैं और जिनमें मानवीय निर्णय की बहुत आवश्यकता नहीं होती। विशेषज्ञों का मानना है कि HR जैसे विभागों में जहां कार्य अक्सर प्रक्रियागत और बार-बार दोहराए जाने वाले होते हैं, वहां AI बड़ी भूमिका निभा सकता है। IBM की यह छंटनी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भविष्य में बैक ऑफिस की नौकरियां सबसे अधिक खतरे में होंगी।
CEO ने दी थी पहले ही चेतावनीIBM के CEO अरविंद कृष्णा ने कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में AI और ऑटोमेशन को लेकर भविष्य की रणनीति के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि कंपनी अब AI का उपयोग करके एंटरप्राइज वर्कफ्लोज़ को सरल बना रही है, ताकि टीमें अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि ऑटोमेशन से जो लागत बच रही है, उसे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, मार्केटिंग और सेल्स जैसे विभागों में निवेश किया जा रहा है। यानी कंपनी का यह दावा है कि वह पूरी तरह से नौकरियां खत्म नहीं कर रही, बल्कि ध्यान को रचनात्मक और रणनीतिक क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित कर रही है।
“AI से सभी नौकरियां खत्म नहीं होंगी” – IBM CHROIBM की चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) निक्की ला मोरिओक्स का कहना है कि AI सभी नौकरियों को पूरी तरह खत्म नहीं करेगा। “बहुत ही कम भूमिकाएं ऐसी हैं जो पूरी तरह से AI से बदल दी जाएंगी,” उन्होंने स्पष्ट किया। बल्कि AI का उपयोग काम के दोहराव वाले हिस्सों को संभालने के लिए किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को निर्णय और रचनात्मकता से जुड़े कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा। उनका कहना है कि भविष्य की कार्यशैली में इंसान और AI एक साथ काम करेंगे, जिसमें इंसान का योगदान रणनीति, निर्णय और रचनात्मक सोच के रूप में बना रहेगा।
IBM AI को बाजार में भी बेच रहा हैयह दिलचस्प है कि एक ओर IBM अपने ही कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर वह अपने AI टूल्स को दुनिया की अन्य कंपनियों को बेचने के लिए आक्रामक मार्केटिंग भी कर रहा है। हाल ही में IBM ने अपने वार्षिक Think Conference में नए AI टूल्स लॉन्च किए हैं, जिनकी मदद से अन्य कंपनियां भी अपने खुद के AI एजेंट्स बना और चला सकती हैं। ये टूल्स खास तौर पर OpenAI, Amazon और Microsoft जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स के साथ काम करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
सिर्फ IBM ही नहीं, बाकी कंपनियां भी इसी राह परIBM अकेली कंपनी नहीं है जो AI के चलते नौकरियों में कटौती कर रही है। Duolingo, जो एक प्रमुख भाषा-शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म है, उसने भी हाल ही में यह घोषणा की कि मानव कॉन्ट्रैक्टरों को AI से बदला जाएगा। Duolingo के CEO लुइस वॉन आहन ने कहा, “हम धीरे-धीरे उन मानवीय कर्मचारियों का उपयोग बंद करेंगे जिनका कार्य AI कर सकता है।” इसी तरह, Shopify के CEO टोबियास लुटके ने भी एक आंतरिक ज्ञापन जारी कर कहा कि अगर कोई टीम इंसानी कर्मचारी की भर्ती करना चाहती है, तो पहले उन्हें यह साबित करना होगा कि AI वह कार्य क्यों नहीं कर सकता। उन्होंने लिखा, “भविष्य में टीमों को यह सोचना होगा कि क्या AI एजेंट उस टीम का हिस्सा हो सकता है और काम कर सकता है।”
AI के युग में कौन सी नौकरियां सुरक्षित हैं?AI के बढ़ते प्रयोग के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि कौन सी नौकरियां सुरक्षित रहेंगी? IBM के अनुसार, वे कार्य जो मानव समझ, सहानुभूति, रणनीति और रचनात्मकता की मांग करते हैं, जैसे कि:
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सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
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मार्केटिंग और ब्रांडिंग
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बिक्री और ग्राहक जुड़ाव
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नवाचार और शोध कार्य
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नेतृत्व और प्रबंधन
इन क्षेत्रों में AI की भूमिका सहयोगी (assistant) भर की रहेगी। लेकिन डेटा प्रोसेसिंग, रिपोर्टिंग, डॉक्यूमेंटेशन, और कस्टमर क्वेरी हैंडलिंग जैसी भूमिकाएं धीरे-धीरे AI के हवाले होती जा रही हैं।
नौकरी का भविष्य और चुनौतीIBM की छंटनी की यह खबर सिर्फ एक कंपनी की नीति का संकेत नहीं है, बल्कि यह वैश्विक कार्य-संस्कृति में परिवर्तन का संकेत है। AI के आने से काम की प्रकृति ही बदल रही है — अब सिर्फ काम करने की क्षमता नहीं, बल्कि सोचने, रणनीति बनाने और समस्याओं को हल करने की योग्यता की मांग बढ़ रही है। यह सच है कि AI से नौकरियों में कटौती हो रही है, लेकिन साथ ही यह भी सच है कि AI नई भूमिकाएं और अवसर भी पैदा कर रहा है। अब यह हर व्यक्ति और संस्था पर निर्भर करता है कि वह इस परिवर्तन को कैसे अपनाता है।