कुशीनगर। दिल्ली के बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की एक सड़क हादसे में मौत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जुलाई 2025 में ही सुखदेव पहलवान दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आया था। बताया जा रहा है कि कुशीनगर के तुर्कपट्टी थाने की मधुरिया पुलिस चौकी के पास सुखदेव की बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। जिसकी वजह से नीतीश कटारा हत्या मामले के दोषी सुखदेव की मौके पर ही मौत हो गई।
दिल्ली में साल 2002 में नीतीश कटारा की हत्या हुई थी। नीतीश कटारा की हत्या मामले में बाहुबली नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव और विशाल यादव के साथ सुखदेव पहलवान को भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 20 साल की सजा काटने के बाद सुखदेव यादव उर्फ पहलवान ने खुद को छोड़े जाने की गुहार लगाई थी, लेकिन जेल में कैदियों के व्यवहार की समीक्षा करने वाली कमेटी ने सुखदेव को छोड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद सुखदेव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जेल से छोड़े जाने की अपील की थी।
दिल्ली में साल 2002 में नीतीश कटारा की हत्या हुई थी। सुखदेव पहलवान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सुखदेव पहलवान को उम्रकैद की सजा मिली है। इसके तहत नैसर्गिक जीवन तक उसे जेल में ही रहना है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये दलील नहीं मानी और ये कहते हुए नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी को जेल से छोड़ दिया था कि ऐसी हालत में तो हर कैदी जेल में ही मरेगा। हालांकि, जेल से बाहर आने के बाद भी नीतीश कटारा हत्याकांड का दोषी सुखदेव खुले आसमान के नीचे जिंदगी नहीं जी सका और वाहन की टक्कर से उसकी जान चली गई।
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