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Abbas Ansari: 2 साल की सजा होने पर अब्बास अंसारी की खत्म हुई विधायकी, जानिए अब मुख्तार अंसारी के बेटे के पास क्या है रास्ता?

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लखनऊ। माफिया डॉन के तौर पर चर्चित रहे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की मऊ सीट से विधायकी खत्म हो गई है। विधानसभा सचिवालय ने रविवार को बाकायदा दफ्तर खोलकर मऊ सीट को रिक्त किए जाने की सूचना चुनाव आयोग को भेजी। अब्बास अंसारी ने मऊ विधानसभा सीट 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के टिकट पर जीता था। तब सुभासपा और सपा के बीच गठबंधन था। बाद में ओम प्रकाश राजभर फिर बीजेपी के साथ आ गए और अब योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं।

 

अब्बास अंसारी को मऊ के एमपी/एमएलए कोर्ट ने प्रशासन के अफसरों को धमकी देने वाले बयान पर शनिवार को दोषी ठहराया था। साथ ही अब्बास अंसारी को साजिश रचने की धारा 120-बी के तहत भी कोर्ट ने दोषी माना था। दोनों मामलों में अब्बास अंसारी को कुल 2 साल कैद की सजा हुई। जिसकी वजह से अब्बास अंसारी को मऊ विधानसभा सीट से विधायकी गंवानी पड़ी। अब्बास अंसारी के वकीलों ने कहा है कि वो मऊ कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, तो अब्बास अंसारी को फिर विधायकी मिल सकती है। अगर हाईकोर्ट से राहत न मिली तो अब्बास अंसारी के वकील सुप्रीम कोर्ट का भी रुख करने के लिए स्वतंत्र हैं।

अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में प्रशासन के अफसरों के लिए हेट स्पीच दी थी। जिसके बाद अब्बास अंसारी के खिलाफ एक दारोगा ने केस दर्ज कराया था। उसी मामले में अब्बास अंसारी को कोर्ट ने दोषी पाया। अब्बास अंसारी के पिता मुख्तार अंसारी की मौत हो चुकी है। मुख्तार अंसारी ने कई बार मऊ सीट से विधायक का चुनाव भी जीता था। मऊ में मुख्तार के परिवार का डंका बजता रहा है। इसलिए जब अब्बास अंसारी ने ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा से चुनाव लड़ा, तो मऊ सीट को अपने नाम कर लिया। अब्बास अंसारी के चाचा अफजाल अंसारी ने 2024 का लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर गाजीपुर से लड़ा और जीता था।

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