गुवाहाटी। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित करते हुए पाकिस्तान जा रही नदियों का पानी रोका है। इससे पाकिस्तान में हाहाकार मचा है। वहीं, पाकिस्तान के कुछ लोग ये कह रहे हैं कि जैसा भारत ने किया वैसा ही चीन भी ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोककर कर सकता है। अब असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने आंकड़े देकर बताया है कि क्या चीन ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को रोक कर भारत के लिए संकट पैदा कर सकता है? चलिए हम आपको बताते हैं कि असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने ब्रह्मपुत्र और चीन के मसले पर क्या कहा है।
सोशल मीडिया पोस्ट में असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने पाकिस्तानियों ब्रह्मपुत्र नदी और चीन को लेकर मनगढ़ंत धमकी को धो डाला है। हिमंत बिस्व सरमा ने साफ कहा है कि ब्रह्मपुत्र को रोकने का कदम चीन नहीं उठाएगा और अगर ऐसा हुआ, तो असम में हर साल बाढ़ की समस्या को कम करने में ही मदद मिलेगी। हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट किया कि पाकिस्तान ये मनगढ़ंत धमकी दे रहा है कि क्या होगा अगर चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक दिया? असम के सीएम ने लिखा कि चीन ने किसी आधिकारिक मंच से संकेत नहीं दिए हैं और इसकी संभावना नहीं है। हिमंत ने आगे लिखा कि अगर चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोका, तो हर साल बाढ़ से लोगों के विस्थापित होने और आजीविका के साधन तबाह होने बंद हो जाएंगे।
যদি চীনে ব্ৰহ্মপুত্ৰৰ পানী ভেটা দি ধৰি ৰাখে তেন্তে কি হ’ব?
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 3, 2025
পাকিস্তানে সৃষ্টি কৰিব বিচৰা শংকাৰ প্ৰত্যুত্তৰ…
ভাৰতে সিন্ধু জল চুক্তিক নস্যাৎ কৰাৰ পাছত পাকিস্তানে এতিয়া নতুন এক কল্পনাপ্রসূত শংকাৰ সৃষ্টি কৰিব খুজিছে- 'যদি চীনে ব্ৰহ্মপুত্ৰৰ পানী ভেটা দিয়ে ভাৰতৰ কি হ’ব?' ভাৰতৰ একো… https://t.co/TUxqql3AIj
हिमंत बिस्व सरमा ने पोस्ट में लिखा कि ब्रह्मपुत्र नदी में जितना पानी बहता है, उसमें से सिर्फ 30 से 35 फीसदी चीन से आता है। बाकी 70 से 75 फीसदी पानी पूर्वोत्तर भारत में बारिश से ब्रह्मपुत्र नदी में आता है। उन्होंने लिखा है कि लोहित, कामेंग मानस, धनसिरी, सुबनसिरी, जिया भरली और कोपिली जैसी नदियां भी ब्रह्मपुत्र में पानी लाती हैं। वहीं, मेघालय के खासी, गारो और जयंतिया हिल्स में बहने वाली कुलसी, दिगारू और कृष्णाई नदियां भी ब्रह्मपुत्र के प्रवाह में अपना पानी देती हैं। हिमंत बिस्व सरमा ने लिखा है कि भारत-चीन सीमा पर ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवाह 2000-3000 m3/s है। जबकि, गुवाहाटी जैसे असम के मैदानी इलाकों में मानसून के दौरान यह बढ़कर 15000-20000 m3/s हो जाता है। ब्रह्मपुत्र वर्षा आधारित भारतीय नदी है। ये भारत में आने के बाद मजबूत होती है। असम के सीएम ने कहा कि ‘ब्रह्मपुत्र को किसी एक स्रोत द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता, ये हमारी भौगोलिक स्थिति, मॉनसून और हमारी सभ्यतागत लचीलेपन से संचालित होती है।’
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