News India Live, Digital Desk: Bihar Elections : बिहार की राजनीति में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए (NDA) गठबंधन में भीतर ही भीतर सुगबुगाहट तेज हो गई है. आगामी चुनावों के लिए सीटों के तालमेल पर चर्चा के बीच, 'हम' (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने खुले तौर पर अपनी 'नाखुशी' जाहिर की है, तो वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिससे गठबंधन के अंदर कुछ तनाव बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं.जीतन राम मांझी क्यों हैं नाखुश?जानकारी के मुताबिक, जीतन राम मांझी एनडीए में अपने दल के लिए आवंटित सीटों की संख्या से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे इस सीट बंटवारे से 'खुश नहीं' हैं. 'हम' पार्टी को जो सीटें मिल रही हैं, मांझी के अनुसार वे उनकी पार्टी के प्रभाव और क्षमता के अनुरूप नहीं हैं. उनकी यह बयानबाजी दर्शाती है कि गठबंधन के बड़े घटक दलों, जैसे बीजेपी और जेडीयू (JDU) के सामने छोटे दलों को खुश रखना कितनी चुनौती भरा काम हो सकता है. वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी को और अधिक सम्मानजनक सीटें मिलें.उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिक्रिया:उधर, 'राष्ट्रीय लोक मोर्चा' (RLM) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी है. हालांकि, उनकी प्रतिक्रिया थोड़ी ज्यादा संतुलित लग रही है. उन्होंने सीधे तौर पर नाखुशी तो जाहिर नहीं की है, लेकिन यह साफ किया है कि सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है और वे आशावादी हैं कि सभी घटक दलों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाएगा. उनकी ओर से अभी कोई अंतिम बयान नहीं आया है, जिससे लगता है कि वे अभी भी बातचीत और सुलह की गुंजाइश देख रहे हैं.एनडीए गठबंधन में कई छोटे दल शामिल हैं और जब भी सीट बंटवारे की बात आती है, तो सभी दल अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं. यह सियासी रस्साकशी आगामी चुनावों से पहले गठबंधन की एकजुटता को परखेगी. सभी की निगाहें अब एनडीए के बड़े नेताओं पर टिकी हैं कि वे कैसे इन सहयोगी दलों को साधते हैं और एक ऐसा समाधान निकालते हैं, जिससे सभी को स्वीकार्य हो.
You may also like
Bad Breath Alert :मुंह की दुर्गंध बता सकती है इन 4 स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत
एनडीए के सभी दल सीट बंटवारे से संतुष्ट, चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करेंगे: विजय चौधरी
पानी की कमी से बिगड़ सकती है आंतों की सेहत ,जानें 3 गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं
अजय, शाहरुख और मनोज बाजपेयी के साथ काम कर चुकी प्रियामणि बोलीं, ”सबकी अलग है वर्किंग स्टाइल”
काम नहीं कर रही हैं एंटीबायोटिक दवाएं, WHO की रिपोर्ट भारत में स्थिति गंभीर