पहलगाम आतंकी हमला: पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले के मद्देनजर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों के बीच खलबली मचा दी है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि इजरायल को आतंकित करने वाले फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने 5 फरवरी 2025 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आयोजित एक रैली में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया था।
यह जानकारी संगठन ‘द न्यू इंडियन’ ने अपनी विशेष रिपोर्ट में दी है, जिसमें बताया गया है कि हमास ने पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे जिहादी संगठनों के साथ औपचारिक शुरुआती समझौते किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक पहलगाम हमले से पहले भी हुई थी और उस समय संयुक्त आतंकी एजेंडे की योजना बनाई गई थी।
‘ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड’ के नाम से गुप्त बैठक हुई5 फरवरी, 2025 को शहीद साबिर स्टेडियम, पीओके में आयोजित इस रैली को ‘कश्मीर एकजुटता और ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड कॉन्फ्रेंस’ नाम दिया गया था। इसमें हमास के ईरान स्थित प्रतिनिधि डॉ. खालिद अल-कदौमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मौजूद था। उनके साथ कई फिलिस्तीनी और पाकिस्तानी जिहादी समूहों के वरिष्ठ कमांडर भी शामिल हुए। खुफिया सूत्रों का कहना है कि यह घटना महज एक रैली नहीं थी, बल्कि भारत विरोधी गतिविधियों के लिए एकजुट होने की साजिश थी। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि पहलगाम हमले की योजना भी इसी सम्मेलन में बनाई गई थी।
भारत के विरुद्ध विषैले बयान और धमकियाँइस कार्यक्रम में जैश-ए-मोहम्मद के एक वरिष्ठ आतंकवादी ने सार्वजनिक मंच से कश्मीर को भारत से अलग करने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा, “फिलिस्तीन और कश्मीर के लड़ाके अब एक साथ लड़ेंगे। दिल्ली में खून-खराबा होगा और कश्मीर भारत से अलग हो जाएगा।” भारतीय खुफिया विश्लेषकों का मानना है कि ये बयान हमास की इजरायल विरोधी रणनीति की नकल हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन हमास के नक्शेकदम पर चलते हुए ‘शहरी आतंकवाद’ और समन्वित हमलों की रणनीति अपना रहे हैं।
वरिष्ठ आतंकवादी नेताओं की उपस्थितिइस सम्मेलन में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य जिहादी संगठनों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। इनमें जैश संस्थापक मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ, असगर खान कश्मीरी, मसूद इलियास और अन्य आतंकवादी शामिल थे। यह भी बताया गया है कि इन नेताओं ने सम्मेलन में कश्मीर में हिंसा का एक नया रूप शुरू करने का संकेत दिया।
श्रेय : सोशल मीडिया
भारत की चिंताएं बढ़ीं, वैश्विक सुरक्षा एजेंसियां भी रख रही नजरपीओके में हमास जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन की भौतिक उपस्थिति भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। इससे कश्मीर में स्थिति और जटिल होने की संभावना है। साथ ही, यह घटना वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की भूमिका पर भी सवाल उठा रही है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस नए गठबंधन का गंभीरता से अध्ययन करना शुरू कर दिया है, तथा सैन्य और सुरक्षा एजेंसियों को भविष्य के खतरों को पहचानते हुए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
पीओके में रैली में हमास की मौजूदगीपाक अधिकृत कश्मीर में आयोजित रैली में हमास की उपस्थिति और पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों के साथ उसका गठबंधन, आतंकवाद की अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति का एक नया चेहरा उजागर कर रहा है। इससे भारत के लिए कई नई सुरक्षा चुनौतियाँ पैदा हो गई हैं। अब न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में, बल्कि पूरे देश में सतर्कता की आवश्यकता बढ़ गई है और अब समय आ गया है कि भारत इन नए खतरों से निपटने के लिए अपनी रणनीति को और मजबूत करे।
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