News India live, Digital Desk: सही खान-पान सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि दिमाग के लिए भी बेहद जरूरी होता है। अच्छी डाइट दिमाग को स्वस्थ और एक्टिव रखती है। वहीं, कुछ खाद्य पदार्थ और खाने की गलत आदतें ऐसी भी हैं जो दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं। वैज्ञानिक शोधों में पाया गया है कि तीन चीजों या आदतों को छोड़ने से डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है।
इन 3 चीजों को छोड़ दें: 1.अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में उच्च मात्रा में चीनी, नमक, आर्टिफिशियल सामग्री और अस्वास्थ्यकर फैट्स होते हैं। ये फूड्स शरीर में सूजन को बढ़ावा देते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि रोजाना मात्र 10% अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेवन से डिमेंशिया का खतरा 25% तक बढ़ सकता है। यूपीएफ के सेवन से हार्ट डिजीज, कैंसर, मोटापा, फैटी लीवर डिजीज, टाइप-2 डायबिटीज और समय से पहले मृत्यु का खतरा भी बढ़ता है।
2. ओवर हीटेड भोजन:बहुत ज्यादा गर्मी पर खाना पकाने (ग्रिलिंग, फ्राइंग या ब्रॉइलिंग) से एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड-प्रोडक्ट्स (AGEs) बनते हैं, जो दिमाग में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन पैदा करते हैं। ये अल्जाइमर रोग से जुड़े एमिलॉयड प्लेक के निर्माण को बढ़ावा देते हैं। बेहतर होगा कि भोजन को कम तापमान पर पकाएं या स्टीम करें।
3. आर्टिफिशियल स्वीटनर्स:लोग अक्सर रिफाइंड शुगर की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये स्वीटनर्स भी नुकसानदेह हो सकते हैं। ये आंत के बैक्टीरिया में बदलाव लाकर सूजन बढ़ा सकते हैं, जिससे दिमागी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। खासतौर पर ‘एस्पार्टेम’ जैसे कम कैलोरी वाले स्वीटनर्स से याददाश्त और सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के लंबे समय तक सेवन से स्ट्रोक, दिल की बीमारियों और समय से पहले मृत्यु का जोखिम भी बढ़ जाता है।
You may also like
भागलपुर विधानसभा जदयू की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा हुए शामिल
थानेदार ने नही सुनी महिला की शिकायत,लोक शिकायत निवारण ने थानाध्यक्ष पर लगाया जुर्माना
अधिकार सेना पार्टी की जिला कमेटी गठित, बुंदेल बने अध्यक्ष
अपराध और अपराध ट्रैकिंग नैटवर्क सिस्टम रैंकिंग में सिरमौर पुलिस प्रदेश में प्रथम
लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ काम कर रही है केन्द्र सरकार : वाेहरा