केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए जुलाई-दिसंबर 2025 की डीए (Dearness Allowance) बढ़ोतरी को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।
जहां मार्च 2025 में सिर्फ 2% डीए बढ़ा, जो पिछले 78 महीनों में सबसे कम था, वहीं अब संकेत मिल रहे हैं कि अगली बढ़ोतरी शून्य भी हो सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो यह 7वें वेतन आयोग की अंतिम डीए रिवीजन के रूप में निराशाजनक होगा क्योंकि यह आयोग 31 दिसंबर 2025 को 10 साल पूरे कर लेगा।
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को मुद्रास्फीति से राहत देने के लिए दिया जाता है। यह एक प्रकार का समायोजन भत्ता होता है, जिसे जनवरी और जुलाई में हर साल दो बार संशोधित किया जाता है।
डीए कैसे तय होता है?डीए की गणना AICPI-IW (All India Consumer Price Index for Industrial Workers) के आधार पर की जाती है, जो कि श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किया जाता है।
हर छह महीने की औसत AICPI-IW के आधार पर डीए वृद्धि तय होती है।
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जनवरी 2025 में AICPI-IW था: 143.2
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फरवरी 2025 में गिरकर हुआ: 142.8
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खुदरा महंगाई दर (CPI) भी मार्च में गिरकर 3.34% हो गई, जो पिछले 5 वर्षों में सबसे कम है।
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अगर अप्रैल और मई में भी ये गिरावट जारी रही, तो जुलाई 2025 के डीए में या तो मामूली बढ़ोतरी (1-2%) होगी या कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
डीए =
{(पिछले 12 महीनों के औसत AICPI-IW × 2.88) – 261.4} × 100 ÷ 261.4 यहां 261.4 सातवें वेतन आयोग का आधार इंडेक्स है और CPI-IW का बेस वर्ष 2016 है।
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कर्मचारियों का वेतन प्रभावित होगा।
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पेंशनभोगियों के मासिक खर्च पर सीधा असर पड़ेगा क्योंकि डीए उनकी पेंशन का अहम हिस्सा होता है।
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अर्थव्यवस्था की गति पर भी असर पड़ेगा क्योंकि डीए से खपत और मांग में वृद्धि होती है।
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